कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की दोस्ती में फिर दरार, अब ये चुनाव लड़ेंगी एक दूसरे के खिलाफ
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कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की दोस्ती में फिर दरार, अब ये चुनाव लड़ेंगी एक दूसरे के खिलाफ

निकाय चुनावों में दोनों दल अलग अलग चुनाव लड़ेंगे. इस बात की घोषणा खुद जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने की.

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की दोस्ती में फिर दरार, अब ये चुनाव लड़ेंगी एक दूसरे के खिलाफ

बेंगलुरू : कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के सहयोग से चल रही सरकार के बावजूद दोनों दलों के बीच पटरी बैठ नहीं पा रही है. एक दूसरे के खिलाफ दोनों दलों के नेता कुछ न कुछ बोलते रहते हैं. कहा जा रहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां एक साथ मिलकर लड़ेंगी, लेकिन उससे पहले ही दोनों की दूरियां सामने आ गई हैं. हालांकि अभी लोकसभा चुनावों में समय है, लेकिन उससे पहले कर्नाटक में निकाय चुनाव होने हैं. निकाय चुनावों में दोनों दल अलग अलग चुनाव लड़ेंगे. इस बात की घोषणा खुद जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने की.

 

करीब 108 शहरी स्थानीय निकायों के लिए 29 अगस्त को मतदान होगा जबकि मतगणना एक सितंबर को होगी. यह चुनाव जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार की पहली अग्निपरीक्षा होगी. देवगौडा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आपने पूछा है कि क्या (स्थानीय निकाय चुनावों के संबंध में) हमारा कोई सामंजस्य नहीं है. परेशानियां हैं. हमारा कांग्रेस से कोई झगड़ा नहीं है. राज्य स्तर पर हमारा समझौता इस बात पर आधारित है कि सरकार बिना किसी परेशानी के चले.’ उन्होंने कहा,‘‘ कई जगहों पर गठजोड़ मुश्किल होता है. हम कोई तनाव लाये बिना मधुर संबंधों के साथ चुनाव लड़ेंगे.’

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देवेगौड़ा ने कहा, यदि कांग्रेस और जेडीएस अलग अलग चुनाव लड़ेंगे तो उन्हें राज्य में फायदा होगा. सूत्रों की मानें तो स्थानीय स्तर पर जेडीएस कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं चाहती है, उसका मानना है कि इस कारण पार्टी के अंदर ही असंतोष पैदा हो जाएगा. इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर सरकार बनाई. सीटेें कम होने के बावजूद कांग्रेस ने जेडीएस के कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बना दिया. स्थानीय स्तर पर कांग्रेस और जेडीएस के बीच काफी अंतरविरोध है. ऐसे में जेडीएस उन जगहों पर कांग्रेस के साथ समझौता नहीं करना चाहती, जहां वह पहले से ही मजबूत है.   input : Bhasha

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