सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की बीजेपी दोपहर 2 बजे तक येदियुरप्पा द्वारा राज्यपाल को लिखी गई दोनों चिट्ठियों को जमा कराए.
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नई दिल्लीः कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस मामले में राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस बुधवार रात को ही सुप्रीम कोर्ट में अपील थी. कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में लेकर गए और कोर्ट के एडि.रजिस्ट्रार को याचिका दी थी. एडि.रजिस्ट्रार कांग्रेस की याचिका को सीजेआई दीपक मिश्रा के घर लेकर गए. काफी देर तक सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई के घर के बाहर तक गहमागहमी जारी रही. बीजेपी की तरफ से मुकुल रोहतगी, केंद्र की तरफ से अटॉर्नी जनरल एके वेणुगोपाल पेश हुए. रात 01.45 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. दोनों पक्षों की तरफ से तीखी बहस हुई. सुबह 05.30 बजे के बाद कोर्ट फैसला आया.
कोर्ट ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने येदियुरप्पा से राज्यपाल को 15 और 16 मई को सौंपे गए पत्र कोर्ट में जमा कराने को कहा है. कोर्ट जानना चाहती है कि आखिर येदियुरप्पा की चिट्ठी में राज्यपाल ने ऐसा क्या देखा जिससे उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया.सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बीजेपी आज दोपहर 2 बजे तक इसे कोर्ट में जमा कराए.
कोर्ट ने कहा है कि शुक्रवार सुबह 10.30 इस मामले में कोर्ट फिर सुनवाई करेगी. जानकार बताते है कि यदि इस चिट्ठी में बहुमत के आंकड़े का जिक्र नहीं हुआ तो राज्यपाल के फैसले पर सवाल खड़े होंगे. अभी भी इस मामले में येदियुरप्पा को 15 दिन की दी गई मोहलत देने का मामला बना हुआ है. वहीं इस मामले में येदियुरप्पा और राज्यपाल को नोटिस जार कर अपना पक्ष रखने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के सुबह 9 बजे शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार किया तो सिंघवी ने इसे 04.30 बजे तक टालने की बात कही, लेकिन कोर्ट ने नहीं माना. इसके बाद सिंघवी तीन घंटे के शपथ ग्रहण टालने पर बहस करने लगे. लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.
LIVE अपडेटः
- इस मामले में शुक्रवार को सुबह 10.30 फिर से सुनवाई होगी.
- येदियुरप्पा ने 15 मई और 16 मई को जो चिट्ठी राज्यपाल को दी थी वो सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्तुत करें
- सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक नहीं लगाई है,
- कोर्ट में इस फैसला लिखा जा रहा है, जस्टिस सीकरी लिखवा रहे हैं फैसला
- सुबह करीब 05.15 बजे सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर बहस पूरी हो चुकी है
- बीजेपी को बहुमत के लिए मोहलत पर फिर सुनवाई संभव हो सकती है
- बीजेपी के वकील ने दलील दी कि सिंघवी की मांग असंवैधानिक
- सिंघवी ने कहा कि शपथ ग्रहण को 04.30 तक नहीं तो 3 घंटे के लिए ही टाली जाए
- सिंघवी ने शपथ ग्रहण को शाम 04.30 बजे तक बढ़ाने की मांग की
- सिंघवी ने कहा है कि शपथ ग्रहण को कुछ घंटों के लिए रोका जाए
- अभिषेक मनु सिंघवी अभी भी सुप्रीम कोर्ट में शपथ ग्रहण को टालने पर बहस कर रहे है
- सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जेडीएस की याचिका को खारिज नहीं किया है. इस याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी
- सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा को नोटिस जारी करके अपना जवाब दाखिल करें
- कोर्ट ने कहा है कि दूसरे पक्ष को सुने बिना फैसला नहीं दे सकते है
- इस मामले में दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया गया है
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम शपथ रोकने नहीं जा रहे है
- गलत या सही राज्यपाल का काम शपथ दिलाना हैः बीजेपी के वकील
- राज्यपाल का विशेषाधिकार कोर्ट से परे हैः मुकुल रोहतगी और एजी
- मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा- ये याचिका खारिज होनी चाहिए, फ्लोर टेस्ट का इंतजार करना चाहिए था
- अटॉर्नी जनरल और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि हम 7 दिन में फ्लोर टेस्ट को तैयार है
- अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा-अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है
- जस्टिस सीकरी ने अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल से कहा आपके नंबर तो ऐसा नहीं कहते हैं
- अटॉर्नी जनरल ने कहा- ये तो हमें नहीं पता
- कोर्ट ने कहा- वो फ्लोर टेस्ट में फेल हो सकते है
- अटॉर्नी जनरल ने कहा- ऐसी परंपरा नहीं है, पहले शपथ ग्रहण होता है फिर बहुमत साबित करना होता है
- जस्टिस सीकरी ने अटॉर्नी जनरल एके वेणुगोपाल से कहा है कि आंकड़े बीजेपी के साथ नहीं है.
- जस्टिस एके सीकरी ने अटॉर्नी जनरल एके वेणुगोपाल से पूछा- इस तरह के केस में जहां कांग्रेस 117 विधायकों की संख्या बता रही है आपके पास 112 विधायक कहां है?
- अटॉर्नी जनरल ने कहा- कांग्रेस की तरफ से सभी दलीलें बिना आधार के दी जा रही है
- मुकुल रोहतगी ने कहा- अगर इस मामले को शपथ ग्रहण होने के बाद सुना जाता तो क्या आसमान टूट पड़ता ?
- मुकुल रोहतगी ने कहा- इस मामले को आधी रात को सुनने की जरूरत नहीं थीं, अगर शपथ ग्रहण हो जाता तो क्या हो जाता?
- जस्टिस बोबड़े ने कहा- जब तक हम विधायकों के समर्थन की चिट्ठी नहीं देख लेते, अटकलें नहीं लगा सकते
- जस्टिस बोबड़े ने कहा- हमें नहीं पता कि येदियुरप्पा किस तरह के बहुमत का दावा कर रहे है
- कांग्रेस के वकील ने कहा- शपथ ग्रहण रोक दिया जाए, विश्वासमत हासिल करने की मोहलत घटाई जाए
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राज्यपाल के फैसले में कानूनी दखल से संवैधानिक संकट बढ़ेगा
- कांग्रेस के वकील से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा की आपका होमवर्क कमजोर है
- सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वकील से कहा-आपके पास समर्थन की चिट्ठी नहीं है तो दलील क्यों सुनें?
- सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से पूछा-आप चाहते हैं कि हम फैसले की समीक्षा करें, लेकिन आपके पास तो विधायकों के समर्थन की चिट्ठी भी नहीं है.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा-हम राज्यपाल को उनका काम नहीं सिखा सकते है
- कोर्ट ने कहा-राज्यपाल के फैसले में कानूनी हस्तक्षेप करने की परंपरा नहीं रही है
- मुकुल रोहतगी ने कहा, कर्नाटक की तुलना गोवा से नहीं की जा सकती है
- सिंघवी-कांग्रेस को बड़ी पार्टी होने के बावजूद गोवा, मणिपुर और मेघालय में मौका नहीं दिया गया था
- सिंघवी ने कोर्ट में मेघालय, मणिपुर और गोवा के मामले का जिक्र किया
- जस्टिस सीकरी ने अरुणाचल केस का हवाला दिया
- जस्टिस बोबडे ने कहा- हमारे पास क्या विकल्प है, क्या मौजूदा सरकार ही चले?
- जस्टिस बोबडे ने कहा- अनुच्छेद 361 पर भी चर्चा करनी होगी
- कोर्ट ने कहा, कांग्रेस का गठबंधन चुनाव के बाद का है
- सिंघवी ने बहुमत साबित करने के लिए वक्त देने पर सवाल उठाए
- जस्टिस सीकरी ने कहा- देखना चाहते है कि बीजेपी के पास बहुमत है या नहीं
- कोर्ट ने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी मांगी तो सिंघवी ने कहा कि अभी चिट्ठी नहीं है.
- सिंघवी ने कहा राज्यपाल ने येदियुरप्पा को 15 दिन का समय दिया गया, हमने तो केवल 7 दिन का वक्त मांगा था
- कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्यपाल का फैसला संवैधानिक पाप है, इससे खरीद-फरोख्त बढ़ेगी
- केवल 104 विधायकों की संख्या पर राज्यपाल ने बीजेपी को कैसे सरकार बनाने के लिए बुला लिया है? ये असंवैधानिक है
- सिंघवी ने कोर्ट में रोहतगी से पूछा- सरकार कैसे बनाएगें?
- सिंघवी ने कोर्ट में सरकारिया आयोग का हवाला दिया है
- गवर्नर का फैसला रात 9 बजे क्यों आयाः सिंघवी
- मुकुल रोहतगी ने कहा कि गवर्नर को पार्टी नहीं बनाया जा सकता है
- मुकुल रोहतगी ने अनुच्छेद 361 का जिक्र किया और कहा कि राज्यपाल के फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती है
- कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी, सिंघवी ने सीटों का जिक्र किया
- कोर्ट के बाहर मौजूद जेडीएस नेता दानिश अली ने कहा हम सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं जो हमारी सुनवाई हो रही है
- मुकुल रोहतगी ने कहा कि गोवा के मामले में कांग्रेस राज्यपाल के पास गई ही नहीं थी
- मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधायकों की संख्या विधानसभा के पटल पर देखी जाती है
- मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल ने अपने विवेकाधिकार पर फैसला लिया है
- मुकुल रोहतगी कर्नाटक के राज्यपाल की तरफ से कोर्ट में पेश हुए
- केंद्र सरकार की तरफ से एडि. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
- अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
- जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए बोबडे सुनवाई करेंगे
- इस मामले की 3 अन्य जज सुनवाई करेंगे
- कोर्ट नंबर 2 में सुनवाई होगी, दूसरे पक्ष को बुलाया गया है
- सीजेआई कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गए है.
- 01.45 मिनट पर सुनवाई शुरू होगी, कोर्ट नंबर 2 में यह सुनवाई होगी.
- सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जजों के आने वाले गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात
- आधे घंटे से एडि.रजिस्ट्रार सीजेआई के घर में हैं, अभी भी फैसले का इंतजार है
- CJI चाहे तो सुप्रीम कोर्ट के दो जज इस मामले पर कोर्ट में ही सुनवाई के लिए कह सकते है.
- मुख्य न्यायाधीश चाहे तो इस मामले में अपने घर पर भी सुनवाई कर सकते है
- मुख्य न्यायाधीश निर्णय करेंगे कि इस पर अभी सुनवाई हो या कल सुनवाई हो
- सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल रजिस्ट्रार कांग्रेस की अर्जी को लेकर मुख्य न्यायाधीश के घर पहुंचे है.
अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'कांग्रेस ने कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ अपनी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज (बुधवार) रात सुनवाई की मांग की है.' कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को अर्जी दी है. कांग्रेस ने मांग की है इस मामले पर आज रात ही सुनवाई होनी चाहिए. कांग्रेस ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में जो अर्जी दी गई है उसमें कांग्रेस ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने के साथ-साथ राज्यपाल के फैसले को भी चुनौती दी है
दरअसल गुरुवार सुबह 9 बजे राज्यपाल ने येदियुरप्पा को शपथ दिलाने का समय दिया है. इससे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम अमित शाह जी से जानना चाहते हैं कि अगर दो दल चुनाव के बाद गठबंधन के लिए साथ नहीं आ सकते तो आपने गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी को किनारे कर कैसे सरकार बना ली? सुरजेवाल ने कहा कि कि राज्यपाल ने अपने पद को शर्मसार किया है. वहीं जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने कहा है, 'हम इसे ऐसे ही नहीं जाने देंगे, हम इसका सामना करेंगे. मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग कर रही है '
We want to ask Amit Shah ji that if two parties cannot come together in post poll coalition, then how did you form govts in Goa & Manipur by superseding single largest party? Guv has shamed his office: Randeep Surjewala, Cong in Delhi on #Karnataka Guv inviting BJP to form govt pic.twitter.com/qUCcM5gJex
— ANI (@ANI) May 16, 2018
कुमारस्वामी ने कहा, 'गवर्नर द्वारा बीजेपी के 15 दिन का समय दिए जाने का मतलब विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने जैसा है. यह असंवैधानिक है. हम अपने अगले कदम के बारे में चर्चा करेंगे '
By giving 15 days time (to prove majority) Governor is encouraging horse-trading by BJP leaders, this is unconstitutional. We will discuss the future plan: HD Kumarasway, JD(S) on Karnataka Governor's invite to BJP to form government #KarnatakaElectionResults2018 pic.twitter.com/QjpPQdc34x
— ANI (@ANI) May 16, 2018
बता दें कि आज (बुधवार को) बीजेपी नेता मुरलीधर राव ने बेंगलुरु में मीडिया को बताया कि राजभवन से बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने की चिट्ठी मिल गई है. उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह 9 बजे येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. राज्यपाल ने येदियुरप्पा को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन तक का समय दिया है. मुरलीधर राव ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा लोकतंत्र का पालन किया है और हम बहुमत साबित करेंगे.
मुरलीधर राव ने मीडिया को बताया कि गुरुवार को होने वाले शपथ ग्रहण में अकेले येदियुरप्पा ही शपथ लेंगे. कोई और मंत्री उनके साथ शपथ नहीं लेगा. उन्होंने कहा कि सदन में बहुमत साबित करने के बाद येदियुरप्पा सरकार के मंत्रियों का शपथ ग्रहण होगा. खबर है कि शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शामिल नहीं होंगे.
कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए 112 सीटों की आवश्यकता है. लेकिन बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली है. सबसे बड़ा दल होने के नाते बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. वहीं कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देते हुए बहुमत का दावा किया है. कांग्रेस जेडीएस के कुमारस्वामी को सीएम बनाने पर सहमत है और आज (बुधवार) कुमारस्वामी ने जेडीएस और कांग्रेस विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की थी.
Video: कर्नाटक के सियासी सस्पेंस के बीच लोगों को इस कारण याद आया 'महाभारत' का सीन
इससे पहले आज (बुधवार को) दोपहर कुमारस्वामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने राज्यपाल महोदय को 117 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा है और सरकार बनाने का दावा पेश किया है. राज्यपाल ने भी उन्हें संविधान के मुताबिक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. जबकि येदियुरप्पा ने बुधवार को नतीजे आने के बाद ही राज्यपाल से मुलाकात की थी और सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश किया था. राज्यपाल ने दोनों ही पक्षों से मुलाकात करने के बाद संवैधानिक दायरे में रहकर निर्णय लेने की बात कही थी.