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श्रीनगर/कोलकाता: शारदा चिटफंड कम्पनी के अध्यक्ष सुदीप्त सेन को कम्पनी के दो अन्य अधिकारियों के साथ कश्मीर घाटी से गिरफ्तार किया गया । शारदा कम्पनी ने हजारों निवेशकों से कथित रूप से धोखाधड़ी की है ।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीनों को पहले सोनमर्ग में हिरासत में लिया और बाद में गिरफ्तार कर लिया ।उनकी पहचान सेन, निदेशक देबानी मुखर्जी और अरविंद सिंह चौहान के रूप में हुई । चौहान झारखंड में कम्पनी का कामकाज देखते थे । उन्हें बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा और फिर ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता ले जाया जाएगा । एक स्कॉर्पियो वाहन जब्त किया गया है जिस पर पश्चिम बंगाल का पंजीकरण नम्बर है ।
लाखों निवेशक सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका आरोप है कि उनसे 30 हजार करोड़ रूपये की ठगी की गई । कम्पनी के सैकड़ों एजेंट की भी नौकरी चली गई ।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी ने भी सेन की गिरफ्तारी की पुष्टि की । मुख्यमंत्री ने पहले ही सेन की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे और संकेत दिए थे कि वह कहीं उत्तर भारत में हैं ।
ममता ने कहा कि उनके पहचान की पुष्टि हो गई है और गिरफ्तारी का पूरा श्रेय पुलिस को जाता है । पुलिस सूत्रों ने कहा कि तीनों 12 अप्रैल को कोलकाता के साल्ट लेक स्थित सेन के आवास से स्कॉर्पियो में निकले थे ।
सूत्रों ने कहा कि पहले वे रांची गए और फिर विभिन्न राज्यों के रास्ते पिछले दो दिनों में सोनमर्ग पहुंचे । उन्होंने कहा कि चूंकि उनके वाहन पर पश्चिम बंगाल का पंजीकरण नंबर था इसलिए संदेह के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और पश्चिम बंगाल पुलिस को सूचना दी गई ।
गांदरबल के पुलिस अधीक्षक शाहिद मेहराज ने कहा कि तीनों को गांदरबल पुलिस लाइन में रखा गया है । शारदा समूह के बंद होने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने चिटफंड कम्पनियों की जांच के लिए विशेष जांच दल के गठन और उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की है ।
पूंजी बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा चिटफंड कम्पनियों पर लगाम कसने की शुरूआत करने के बाद यह मामला सामने आया । (एजेंसी)