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चंडीगढ़ : पंजाब के नए लोकपाल के तौर पर आज न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जय सिंह सेखॉन ने शपथ ली जिसके बाद कांग्रेस ने विरोध दर्ज कराया और राज्यपाल शिवराज पाटिल के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए दावा किया कि सेखॉन की नियुक्ति में हितों का टकराव हो रहा है।
राजभवन में आयोजित एक समारोह में शपथ ग्रहण करने के बाद सेखॉन ने कहा कि उनकी प्राथमिकताओं में मामलों को तेजी से निपटाना शामिल होगा। कांग्रेस ने कहा था कि नैतिकता और न्यायिक शिष्टता के लिए न्यायाधीश सेखॉन को पंजाब लोकपाल के पद को ग्रहण नहीं करना चाहिए क्योंकि उनके भाई जनमेजा सिंह सेखॉन पंजाब सरकार में मंत्री हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल को लिखे एक पत्र में कहा, ‘राज्य का लोकपाल स्वायत्त, स्वतंत्र विचारों वाला, निष्पक्ष और गैर राजनीतिक होना चाहिए जिसे पंजाब लोकपाल अधिनियम, 1996 के प्रावधानों के तहत कदाचार और भ्रष्टाचार की शिकायतों के मामले में जांच करने का अधिकार और जिम्मेदारी है।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए यह बहुत जरूरी है कि इस तरह का लोकपाल ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो सभी राजनीतिक संबद्धताओं, संपर्कों और रंगों से मुक्त हो।’
शपथ ग्रहण करने के बाद संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में न्यायमूर्ति सेखॉन ने कहा, ‘मेरे भाई कैबिनेट मंत्री हैं लेकिन मेरी कोई राजनीतिक संबद्धता नहीं है। मैं अपने अधिकारों का निष्पक्ष तरीके से इस्तेमाल करूंगा।’ (एजेंसी)