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बरूईपुर (पश्चिम बंगाल) : शारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन को अदालत परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन के बीच आज 10 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। शारदा समूह ने कथित तौर पर पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के हजारों गरीब निवेशकों को चूना लगाया था।
सेन को दमदम जेल से आज सुबह लाए जाने के बाद अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) देबदीप मन्ना के समक्ष पेश किया गया और पुलिस ने 14 दिन के लिए उसकी हिरासत मांगी। पिछले दरवाजे से अदालत से बाहर निकलने के दौरान जब मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया तो सेन ने कहा, ‘अगले तीन महीने में सबकुछ साफ हो जाएगा।’ सेन ने कहा कि वह जांच अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे और इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि गरीब निवेशकों को अपना धन वापस मिल जाए।
सेन के साथ उनके सहायक अरविंद सिंह चौहान को भी एसीजेएम ने 10 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। चौहान भी सारदा समूह चिटफंड घोटाले में आरोपी है। इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थकों, चिटफंड कंपनी के एजेंटों और निवेशकों ने बरूईपुर अदालत परिसर के बाहर प्रदर्शन किया जब सेन को अदालत में पेश करने के लिए लाया गया था।
सेन और उनके सहायक को एक बार फिर प्रदर्शन का सामना करना पड़ा जब पिछले दरवाजे से एक छोटी कार में बिठाकर उन्हें अदालत से ले जाया गया। जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने हाथापाई का रूप ले लिया तो पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। इसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। उनकी कंपनी के पतन के कारणों के बारे में पूछे जाने पर सेन ने कहा कि उनके कुछ विश्वस्त कर्मचारी इसके लिए जिम्मेदार हैं। (एजेंसी)