अरविंद केजरीवाल
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अरविंद केजरीवाल

नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2012 में आम आदमी पार्टी बनाकर दिल्ली में सक्रिय राजनीति में दस्तक दी।

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नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2012 में आम आदमी पार्टी बनाकर दिल्ली में सक्रिय राजनीति में दस्तक दी। केजरीवाल की आप पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतार कर भाजपा और कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा राज्य के हिसार जिले के सिवानी गांव में हुआ था। गोविंद और गीता केजरीवाल उनके पिता और माता हैं। वे अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। अरविंद का बचपन सोनीपत, मथुरा और हिसार में बीता। अरविंद का विवाह सुनीता से हुआ जो खुद भी एक आईआरएस अधिकारी हैं और फिलहाल आयकर विभाग में अतिरिक्त आयुक्त हैं। उन्हें दो बच्चे हैं, जिनसे एक बेटी हर्षिता और बेटा पुलकित है।
केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली और टाटा स्टील में काम करने के बाद वे 1992 में भारतीय राजस्व सेवा में शामिल हुए। उनके पिता भी एक इंजीनियर थे। केजरीवाल को 2006 में रमन मैगसेसे पुरस्कार दिया गया था। 2006 में जब वे आयकर विभाग में संयुक्त आयुक्त थे तब उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी। केजरीवाल ने `स्वराज` नामक एक पुस्तक भी लिखी है।

वर्ष 1999 में जब वे सरकारी सेवा में थे तभी उन्होंने परिवर्तन नाम का आंदोलन चलाया था, जिसके जरिए उन्होंने दिल्ली और आसपास के इलाकों में लोगों की मदद करने का लक्ष्य रखा। सूचना का अधिकार कानून बनाने के लिए उन्होंने अरुणा रॉय के साथ सामाजिक आंदोलन चलाया था। 2005 में यह देशव्यापी कानून बनवाने में मदद की। वे एक एनजीओ `साथी` से भी जुड़े हुए हैं। केजरीवाल ने ‍पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन नाम का एक एनजीओ भी चला रहे हैं। नवंबर, 2012 में उन्होंने `आम आदमी पार्टी` की शुरुआत की है और उनका दावा है कि उनकी पार्टी का उद्देश्य स्वराज है।

भ्रष्टचार के खिलाफ जन लोकपाल बिल के लिए केजवाल ने अन्ना हजारे के साथ मिलकर देशव्यापी आंदोलन चलाया। इस आंदोलन को देशभर से समर्थन मिला। इसके लिए अन्ना हजारे और केजरीवाल जेल भी गए। आंदोलन इतना ताकतवर था कि केंद्र सरकार हिल गई। लोकपाल को लेकर संसद में काफी चर्चा हुई, भारी विरोध और लंबे विचार विमर्श के बाद संसद ने लोकपाल बिल का मसौदा बनाने के लिए तीन बिंदुओं पर विचार करने का प्रस्ताव पास किया था। लेकिन सरकारी पेंतरेबाजी और राजनीतिक दलों की खींचतान के चलते आगे नहीं बढ़ सका। जिससे कोई सार्थक परिणाम नहीं निकल सका।
लोकपाल पर कोई नतीजा नहीं निकलते देख केजरीवाल और अन्ना की टीम ने राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए सोशल मीडिया और एसएमएस के द्वारा लोगों की राय मांगी। अधिकांश लोगों पार्टी बनाकर लोगों के सामने एक विकल्प देने की राय दी। उसके बाद राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला लिया गया। लेकिन बाद में केजरीवाल के साथ काम करने वाले अन्ना हजारे और किरण बेदी ने जन लोकपाल के लिए किसी भी पार्टी से जुड़ने से इनकार कर दिया और दोनों ने खुद को केजरीवाल से अलग कर लिया और इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन से जुड़े अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे केजरीवाल से दूर रहें। इसके बाद केजरीवाल राजनीति में सक्रिय हो गए और उन्होंने 2 अक्टूबर, 2012 को एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया और 24 नवंबर, 2012 को इसे ‘आम आदमी पार्टी’ का नाम दिया।
राजनीतिक पार्टी बनाने से पहले केजरीवाल ने रॉबर्ट वाड्रा, सलमान खुर्शीद, नितिन गडकरी, उद्योगपतियों और नेताओं के खिलाफ घोटाले और घपले के आरोप लगाए। इन नेताओं में बाद में राष्ट्रपति पद पर चुने गए कांग्रेस के शीर्षनेता प्रणब मुखर्जी भी शामिल रहे हैं। केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को उतार कर लगातार तीन साल से सत्ता पर काबिज कांग्रेस की सरकार और एमसीडी पर काबिज भाजपा को प्रदेश भी बिजली, पानी और विकास के मद्दे पर जबरदस्त चुनौती पेश की है।

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