महाराष्ट्र चुनाव : सीटों को लेकर गतिरोध जारी, भाजपा ने शिवसेना को दिया 130 सीटों का प्रस्ताव
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महाराष्ट्र चुनाव : सीटों को लेकर गतिरोध जारी, भाजपा ने शिवसेना को दिया 130 सीटों का प्रस्ताव

कई दिनों की तना-तनी के बाद भाजपा ने सोमवार को कुछ पीछे हटते हुए 25 साल के अपने सहयोगी दल शिवसेना से कहा कि वह 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए अगले महीने होने जा रहे चुनावों में 135 की बजाय 130 सीट पर ही लड़ने को तैयार है।

महाराष्ट्र चुनाव : सीटों को लेकर गतिरोध जारी, भाजपा ने शिवसेना को दिया 130 सीटों का प्रस्ताव

नई दिल्ली : कई दिनों की तना-तनी के बाद भाजपा ने सोमवार को कुछ पीछे हटते हुए 25 साल के अपने सहयोगी दल शिवसेना से कहा कि वह 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए अगले महीने होने जा रहे चुनावों में 135 की बजाय 130 सीट पर ही लड़ने को तैयार है।

भाजपा महासचिव और महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी राजीव प्रताप रूडी ने यह जानकादी देते हुए बताया कि पार्टी ने शिवसेना को ‘एक बहुत ही उदार प्रस्ताव’ भेजा है। उन्होंने कहा कि इन 130 सीट में ऐसी सीटें भी शामिल हैं जिनपर शिवसेना ने पिछले 30 साल से सिर्फ हार का ही मुंह देखा है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को ‘अंतिम पेशकश’ करते हुए भाजपा को 119, अपनी पार्टी को 151 और अन्य छोटे सहयोगी दलों को 18 सीटें देने का प्रस्ताव किया था। रूडी ने यहां कहा, ‘तथ्य यह है कि जो प्रस्ताव भेजा गया है और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से जो बातचीत (उद्धव से) हुई है वह बहुत उदार पेशकश है।

उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘हम जो अन्य सीटें मांग रहे हैं वे ऐसी सीटें हैं जिनपर पिछले 30 साल में शिवसेना कभी नहीं जीती है। ..हमें सबसे खराब सीट ही दीजिए लेकिन हमें संख्या दीजिए।’ यह पहला अवसर है जब भाजपा औपचारिक रूप से अपनी मांग से कुछ पीछे हटी है।

इससे पहले भाजपा ने अपना रुख कड़ा करते हुए कहा था कि अगर उसे शिवसेना से गठबंधन तोड़ने को मजबूर किया गया तो वह महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच पिछले कुछ दिनों से तल्खियां बढ़ गई हैं और भाजपा का आरोप था कि उसका सहयोगी दल सीधे उससे बातचीत में कोई ठोस प्रस्ताव देने के बजाए समाचार चैनलों के जरिए पेशकश कर रहा है। नयी पेशकश से पहले रूडी ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा था, इस अनिश्चिततापूर्ण स्थिति में भाजपा को मजबूर किया जा रहा है कि वह शिवसेना के साथ (मिलकर) नहीं लड़े। हम सभी 288 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे लेकिन हम चाहेंगे कि शिवसेना हमारे साथ आए।

पार्टी के सूत्रों ने दावा किया कि बीस-तीस सीटों को छोड़कर भाजपा ने अधिकतर सीटों के उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है। सूत्रों के अनुसार इन बीस-तीस सीटों पर अभी भी उचित उम्मीदवारों की तलाश हो रही है या उम्मीद की जा रही है कि साथ आने वाले अन्य दलों के नेताओं के लिए उन्हें रखा जाए।

रूडी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, ‘हम गठबंधन तोड़ने के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन साथ ही हम उनके (शिवसेना के) हठीले आचरण को बर्दाश्त करने के मूड में भी नहीं हैं। लचीला रूख हो सकता है लेकिन हमें समाचार चैनलों के जरिए से ही उनके प्रस्ताव मिल रहे हैं।’ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में पेश किए जाने की मांग पर भी भाजपा ठंडा रुख अपनाए हुए है।

ऐसी खबरें हैं कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ठाकरे से फोन पर बात करके उन्हें अपने रूख में नरमी लाने का आग्रह किया है लेकिन भाजपा नेताओं ने इस बात तक की पुष्टि करने से इंकार कर दिया कि पार्टी प्रमुख ने उन्हें फोन भी किया है या नहीं।

समझा जाता है कि शाह ने कल भाजपा केन्द्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड की बैठकों के बाद ठाकरे को फोन किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में हुई ये दोनों बैठकें तीन घंटे से अधिक तक चली थीं।

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