‘आर्थिक तेजी के लिए विशेष प्रोत्साहन देने का इरादा नहीं’
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‘आर्थिक तेजी के लिए विशेष प्रोत्साहन देने का इरादा नहीं’

सरकार ने आज स्पष्ट किया कि उसका मौजूदा आर्थिक सुस्ती के बावजूद कारपोरेट क्षेत्र को किसी प्रकार का विशेष प्रोत्साहन देने का इरादा नहीं है।

नई दिल्ली : सरकार ने आज स्पष्ट किया कि उसका मौजूदा आर्थिक सुस्ती के बावजूद कारपोरेट क्षेत्र को किसी प्रकार का विशेष प्रोत्साहन देने का इरादा नहीं है। आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने आज यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से अलग बातीचत में कहा, मैंने ऐसी किसी योजना के बारे में नहीं सुना है। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार आर्थिक नरमी की मार झेल रहे कुछ क्षेत्रों को प्रोत्साहन पर विचार कर रही है।
इस तरह की खबरें आई हैं कि वित्त मंत्रालय तथा रिजर्व बैंक आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कम ब्याय पर रिण उपलब्ध कराने के लिए विशेष पैकेज पर काम कर रहा हैं। बीते वित्त वर्ष 2012-13 में देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर दशक भर के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आ गई। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने हाल में चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 5.3 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले मई में पीएमईएसी ने वृद्धि दर 6.4 फीसद रहने का अनुमान लगाया था। यही नहीं रिजर्व बैंक ने भी आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 5.7 प्रतिशत से घटाकर 5.5 फीसद कर दिया है। (एजेंसी)

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