दुनिया पर मंडरा रहा बड़ा खतरा! दाऊद की मदद से आतंकियों को मिल सकते हैं पाकिस्तान के परमाणु हथियार
Advertisement
trendingNow11036593

दुनिया पर मंडरा रहा बड़ा खतरा! दाऊद की मदद से आतंकियों को मिल सकते हैं पाकिस्तान के परमाणु हथियार

Nuclear Weapon Threat From Pakistan: एक्सपर्ट्स ने आतंकवादियों पर लगाम लगाने के लिए पाकिस्तान पर कहा कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों के आगे पाकिस्तानी सरकार के अधिकार सीमित हैं.

दाऊद इब्राहिम (फाइल फोटो),

इस्लामाबाद: भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की आतंकवादी संगठनों से सांठगांठ और पाकिस्तान (Pakistan) के परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) की कालाबाजारी परमाणु वैज्ञानिक (Nuclear Scientist) एक्यू खान के लिए 2009 में मुंबई में 26/11 हमलों (26/11 Attack) के बाद अमेरिकी सीनेट (US Senate) की सुनवाई में चिंता का विषय बन गई. उस समय की सुनवाई के दौरान, अमेरिका (US) के लिए मुंबई हमलों (Mumbai Attack) से सबक पर सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा, 'ये एक खतरा है कि पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी संगठन परमाणु हथियार पाने में सक्षम हो सकते हैं. हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं.'

  1. पाकिस्तान में परमाणु हथियार सुरक्षित नहीं
  2. आतंकियों के हाथ परमाणु हथियार लगना है खतरनाक
  3. परमाणु वैज्ञानिकों ने जताई चिंता

भरोसा करने लायक नहीं है पाकिस्तान!

इस पर काउंटर टेररिज्म एक्सपर्ट ने कहा, 'मुझे लगता है कि ये एक वास्तविक चिंता है. हमें पाकिस्तानी अधिकारियों से नियमित रूप से आश्वासन मिलता रहता है कि उनके पास परमाणु हथियार कड़े नियंत्रण में हैं, लेकिन चिंता की बात तो है.'

ये भी पढ़ें- UP TET की परीक्षा देने वालों के लिए बड़ी खबर, इस कारण निरस्त हुआ एग्जाम

विनाश की तरफ ले जा सकती है परमाणु हथियारों की कालाबाजारी

उन्होंने कहा, 'जब हम दाऊद इब्राहिम और आतंकवादी संगठनों के बीच पाकिस्तान में गठजोड़ और उस कालाबाजारी को देखते हैं जो एक्यू खान के माध्यम से पाकिस्तान के अपने परमाणु कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए बनाए गए थे, मेरा मतलब है, ये कनेक्शन का एक सेट है. संगठित अपराध, सरकारी प्राधिकरण और आतंकवादी संगठन अगर सामूहिक विनाश की राह पर चले जाते हैं तो बड़े पैमाने पर वित्त और वास्तविक चिंताओं की संभावना बढ़ा देते हैं.'

आतंकियों को ऐसे मिलता है जबरदस्त लाभ

काउंटर टेररिज्म एक्सपर्ट ने कहा कि मैं खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं करना चाहता क्योंकि मैं अभी भी मानता हूं कि आतंकवादियों को कुछ ज्यादा तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण चीजों को करने का प्रयास किए बिना कम तकनीकी चीजें ही करने से जबरदस्त लाभ मिलता है. उदाहरण के तौर पर मुंबई हमले को लिया जा सकता है. जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया गया है, मूल रूप से छोटी-इकाई वाली पैदल सेना की रणनीति का एक उदाहरण है, जिसने 3 दिनों के भीतर 2 करोड़ लोगों के शहर को पंगु बना दिया.

ये भी पढ़ें- इतिहास पर स्वामी रामदेव का बड़ा बयान, औरंगजेब को महान कहे जाने पर जताई आपत्ति

एक्सपर्ट्स ने आतंकवादियों पर लगाम लगाने के लिए पाकिस्तान पर कहा कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों के आगे पाकिस्तानी सरकार के अधिकार सीमित हैं.

उन्होंने कहा कि इसलिए हम उन पर दबाव बना सकते हैं, जैसा कि हमें करना चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि हमें ये स्वीकार करना होगा कि ये एक दीर्घकालिक कूटनीतिक नारा है. इससे पहले कि हम वास्तव में पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से सहयोग करने के लिए लिस्ट कर सकें.

विशेषज्ञों ने कहा कि वैसे ये समस्या इस सरकार या यहां तक कि पिछली सरकार के साथ शुरू नहीं हुई थी. 1999 और 2000 में राष्ट्रीय आतंकवाद आयोग की तरफ से इसे मान्यता दी गई थी कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहा है.

(इनपुट- आईएएनएस)

LIVE TV

Trending news