चंद्रयान-2 मिशन: इसरो ने चंद्रमा लैंडिंग के लिए किए परीक्षण
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चंद्रयान-2 मिशन: इसरो ने चंद्रमा लैंडिंग के लिए किए परीक्षण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने शुक्रवार को कहा कि इसरो ने कर्नाटक के चल्लाकेरे स्थित केंद्र में अपने महत्वाकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन के लिए परीक्षण किए हैं जहां लैंडिंग मिशन के लिए छद्म चंद्र गड्ढे (सिम्यलैटेड लुनार क्रेटर) बनाए गए हैं।

चंद्रयान-2 मिशन: इसरो ने चंद्रमा लैंडिंग के लिए किए परीक्षण

अहमदाबाद : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने शुक्रवार को कहा कि इसरो ने कर्नाटक के चल्लाकेरे स्थित केंद्र में अपने महत्वाकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन के लिए परीक्षण किए हैं जहां लैंडिंग मिशन के लिए छद्म चंद्र गड्ढे (सिम्यलैटेड लुनार क्रेटर) बनाए गए हैं।

कुमार के अनुसार चंद्रयान-2 के उपकरणों और संवेदकों की परख के लिए चंद्रमा की सतह की भांति ही इस केंद्र में जमीन पर कई गड्ढे बनाए गए हैं।

उन्होंने यहां फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी में एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘हम चंद्रयान-2 के लैंडर के चंद्रमा पर उतरने के मिशन के संदर्भ में कुछ परीक्षण कर रहे हैं। उसके लिए चल्लाकेरे के हमारे केंद्र में इस छद्म क्षेत्र में कुछ उपकरणों से लैस एक विमान को उड़ाया गया।’ 

उन्होंने कहा, ‘हमें वहां कुछ गड्ढे बनाए हैं। ये परीक्षण हमारे ‘जोखिम टालने एवं लैंडिंग’ अभ्यास का हिस्सा हैं। लैंडर के नीचे (चंद्रमा पर) उतरने की उम्मीद है। हमें यह पक्का कर लेना होगा कि यह यह उस जगह उतरे जहां बहुत ज्यादा ढलान न हो। अन्यथा लैंडर का एक पैर गड्ढे में फंस सकता है।’ इसरो की वेबसाइट के अनुसार, चंद्रमा पर भारत के दूसरे मिशन चंद्रयान-2 पिछले चंद्रयान-1 मिशन का उन्नत संस्करण है। उसमें एक परिक्रमक, लैंडर और रोवर संगठन हैं। वैज्ञानिक भारों के साथ परिक्रमक चंद्रमा का चक्कर लगाएगा।

हाल ही में कुमार ने संकेत दिया था कि चंद्रयान-2 के 2017 और 2018 के बीच प्रक्षेपित किये जाने की संभावना है।

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