Trending Photos
बीजिंग : चीन 1.88 करोड़ डॉलर की लागत से भारत के वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप तिब्बत के एक प्रांत में विश्व की सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित गुरूत्वीय तरंग दूरदर्शी लगा रहा है। ब्रह्मांड से उत्पन्न शिथिल प्रतिध्वनियों का पता लगाने के लिए इस दूरदर्शी को लगाया जा रहा है। इससे बिग बैंग सिद्धांत के अन्य रहस्यों का खुलासा संभव है।
चीनी विज्ञान अकादमी के राष्ट्रीय खगोल वेधशालाओं के प्रमुख अनुसंधानकर्ता याओ यांगक्यांग ने बताया कि नगारी प्रांत के 30 किलोमीटर दक्षिण स्थित शिक्वान्हे शहर में पहले दूरदर्शी का काम शुरू हो गया है, जिसे नगारी नंबर-1 कूट नाम दिया गया है।
नगारी भारत से सटे चीन की सीमा के आखिरी तिब्बती प्रांत हैं।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक समुद्र से 5,250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दूरदर्शी उत्तरी गोलार्ध में मौलिक गुरूत्वीय तरंगों का पता लगायेगा और इससे जुड़े आंकड़ों को इकट्ठा करेगा। खबर के मुताबिक इसके 2021 से काम शुरू करने की संभावना है। याओ ने बताया कि दूसरे चरण में कई दूरदर्शी लगाये जाएंगे, जो समुद्र के स्तर से 6,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होंगे। इसे नगारी नंबर-2 का कूट नाम दिया गया है।