शोधकर्ताओं ने अंटार्कटिका के हिम पर्वतों के नीचे छिपी पर्वत श्रृंखलाओं और ग्लेशियर के नीचे तीन गहरी घाटियों का पता लगाया है.
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लंदन: शोधकर्ताओं ने अंटार्कटिका के हिम पर्वतों के नीचे छिपी पर्वत श्रृंखलाओं और ग्लेशियर के नीचे तीन गहरी घाटियों का पता लगाया है. यह शोध जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित हुआ है. उपग्रह से मिलने वाले विस्तृत डेटा से पृथ्वी की सतह और उसकी गहराई वाले अंदरुनी हिस्सों की तस्वीरें लेने में मदद मिली लेकिन दक्षिणी ध्रुव के इलाके के आसपास खाली स्थान का इसमें पता नहीं चला. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी पोलरगैप परियोजना के जरिये इसका पता चला. एयरबोर्न रडार से लिए गए आंकड़ों से इस स्थान का वर्णन मिला कि कैसे बर्फ की चट्टानें पूर्व और पश्चिम अंटार्कटिका के बीच बहती हैं.
ब्रिटेन में नोर्थम्ब्रिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पर्वत श्रृंखलाओं और ग्लेशियर के नीचे तीन गहरी घाटियों का पता लगाया. सबसे बड़ी घाटी फाउंडेशन थ्रो 350 किलोमीटर से अधिक लंबी और 35 किलोमीटर चौड़ी है. इसकी लंबाई लंदन से मैनचेस्टर तक की दूरी जितनी है. दो अन्य घाटियां भी इतनी ही विशाल हैं. यूनिवर्सिटी में शोधार्थी केट विंटर ने कहा, ‘‘चूंकि दक्षिणी ध्रुव के आसपास उपग्रह के डेटा में अंतर था तो हमारे में से कोई नहीं जानता था कि वहां असल में है क्या. इसलिए हम पोलरगैप परियोजना के नतीजों को जारी करते हुए बेहद खुश हैं.’’
अंटार्कटिका की गर्म गुफाओं में हो सकता है एक नया जीव जगत
वैज्ञानिकों का मनना है कि अंटार्कटिका ग्लेशियरों के भीतर गर्म गुफाओं में जीव जन्तुओं और वनस्पतिओं की रहस्मयी दुनिया हो सकती है. ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) की ओर से किए गए अध्ययन में पाया गया कि अंटार्कटिका के रोस द्वीप में सक्रिय ज्वालामुखी माउंट इरेबस के इर्द गिर्द के क्षेत्र में झरनों के बहाव ने बड़ी गुफा का जाल बना दिया है. शोधकर्ताओं ने कहा कि इन गुफाओं से मिले मृदा के नमूनों के अध्ययन से इसमें शैवाल, मॉस और छोटे जन्तुओं के अंश पाए गए.
एएनयू फेनर स्कूल ऑफ इंन्वॉयरमेंट एंड सोसाइटी के सी फ्रासर ने कहा, ‘‘गुफाएं अंदर बेहद गर्म हो सकती हैं. कुछ गुफाओं में तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक भी हो सकता है. आप वहां टी शर्ट भी पहन कर आराम से रह सकते हैं.’’ पोलर बायोलॉजी जनरल में प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता फ्रेसर ने कहा, ‘‘गुफा के मुहाने में रोशनी है और कुछ गुफाओं में जहां बर्फ की पर्त पतली है वहां अंदर की ओर रोशनी के फिल्टर्स हैं.’’
इनपुट भाषा से भी