अगर धोनी, भुवनेश्वर को ये ट्रिक नहीं बताते तो बुरी तरह हारती टीम इंडिया!
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अगर धोनी, भुवनेश्वर को ये ट्रिक नहीं बताते तो बुरी तरह हारती टीम इंडिया!

भुवनेश्वर ने 53 रन बनाये और धोनी के साथ आठवें विकेट की नाबाद साझेदारी में 100 रन जोड़े. भारत ने यह मैच तीन विकेट से जीता.

"मुझे पता था कि उन हालात में खोने के लिये कुछ नहीं था क्योंकि हमारे सात विकेट पहले ही गिर चुके थे." (फाइल फोटो)

पल्लेकेले: महेंद्र सिंह धोनी के साथ मिलकर श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे में भारत को हार की कगार से निकालकर जीत दिलाने वाले भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि पूर्व कप्तान ने उनसे टेस्ट क्रिकेट की तरह पारी खेलने को कहा था. भुवनेश्वर ने 53 रन बनाये और धोनी के साथ आठवें विकेट की नाबाद साझेदारी में 100 रन जोड़े. भारत ने यह मैच तीन विकेट से जीता. भुवनेश्वर ने मैच के बाद कहा,‘जब मैं बल्लेबाजी के लिये उतरा तो धोनी ने मुझे टेस्ट क्रिकेट की तरह अपना स्वाभाविक खेल दिखाने को कहा. उन्होंने कहा कि दबाव नहीं लूं क्योंकि काफी ओवर बाकी है. हमें पता था कि आराम से खेलने पर लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं होगा.

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उन्होंने कहा,‘मुझे पता था कि उन हालात में खोने के लिये कुछ नहीं था क्योंकि हमारे सात विकेट पहले ही गिर चुके थे. मैं सोच रहा था कि जितना हो सके, एम एस की मदद करूं. मैने वही कोशिश भी की.’ श्रीलंका के ऑफ स्पिनर अकिला धनंजया ने 54 रन देकर छह विकेट लिये और भारतीय मध्यक्रम की धज्जियां उड़ा दी. इससे पहले रोहित शर्मा और शिखर धवन ने आक्रामक शुरुआत की थी. भुवनेश्वर ने कहा,‘यह हैरानी की बात थी क्योंकि शुरूआती साझेदारी बहुत अच्छी हुई थी. इसके बाद तीन चार विकेट गिर गए तो हम दबाव में आ गए. ड्रेसिंग रूम या एम एस धोनी की ओर से कोई संदेश नहीं था.’ उन्होंने कहा,‘उन्होंने सिर्फ यही कहा कि जितनी देर हो सके, क्रीज पर डटा रहूं. मैं भी यही चाहता था क्योंकि पूरे ओवर टिके रहने पर ही हम जीत सकते थे.’ 

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यह पूछने पर कि उन्होंने धनंजया का सामना कैसे किया, भुवनेश्वर ने कहा,‘मैने उसके खिलाफ रणनीति बनाई थी.’ उन्होंने कहा,‘वह ऑफ स्पिनर है लेकिन लेग स्पिन और गुगली डाल रहा था जो हैरानी की बात थी. मैं उसकी खराब गेंदों का इंतजार कर रहा था. बाहर जाती गेंदों से मुझे कोई दिक्कत नहीं थी. उसने सारे विकेट गुगली पर लिये लिहाजा मेरी रणनीति उसकी इनकमिंग गेंदों को बखूबी खेलने की थी. शुरुआत में दिक्कत आई लेकिन बाद में ठीक हो गया.’ धोनी और उनकी विकेटों के बीच दौड़ भी बेहतरीन थी. दोनों को एक एक जीवनदान भी मिला जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया.

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भुवनेश्वर ने कहा,‘हमें कुछ अलग नहीं करना था. हमने एक दो रन लेने का कोई मौका नहीं छोड़ा. हम कुछ खास करने की कोशिश में नहीं थे. हमने स्वाभाविक खेल दिखाया.’ उन्होंने कहा,‘यह बिल्कुल् टेस्ट मैच जैसी स्थिति थी. मैं संजय बांगड़ को धन्यवाद दूंगा जिन्होंने टेस्ट श्रृंखला में मुझ पर काफी मेहनत की. मैं इस तरह के हालात से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार था.’

(इनपुट एजेंसी से भी)

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