14 अक्टूबर 1981 को जन्मे गौतम गंभीर खेल के अलावा अपनी सामाजिक गतिविधियों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं.
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नई दिल्ली : टीम इंडिया के एक समय सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज गौतम गंभीर पिछले काफी समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं. उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच करीब एक साल पहले नवंबर 2016 में इंग्लैंड के विरुद्ध खेला था. तब से वह टीम इंडिया में अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि अब शायद ही उनकी वापसी टीम इंडिया में हो. ऐसा नहीं है कि उनके बल्ले ने रन बनाना कम कर दिया है. आईपीएल में गौतम और उनकी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स लगातार अच्छा प्रदर्शन करती रही है. लेकिन लगता है कि टीम इंडिया में उनकी वापसी वक्त खत्म हो चुका है. 14 अक्टूबर 1981 को जन्मे गौतम गंभीर खेल के अलावा अपनी सामाजिक गतिविधियों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. अभी हाल में उन्होंने जम्मू कश्मीर में शहीद हुए एक जवान की बेटी की पढ़ाई के खर्च की जिम्मेदारी लेने की बात कही. इसके बाद उनकी काफी प्रशंसा हो रही है.
गौतम भले अभी टीम इंडिया से बाहर चल रहे हों, लेकिन एक वक्त ऐसा था, जब उनके बिना भारत की क्रिकेट टीम की कल्पना भी मुश्किल थी. इसका कारण था, उनका लाजवाब बल्लेबाजी प्रदर्शन. 2003 में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करिअर का आगाज करने वाले गौतम गंभीर सभी फॉर्मेट में कुल 242 मैच खेले. इसमें उन्होंने 10324 रन बनाए. लेकिन एक समय ऐसा आया जब गंभीर अपने करिअर के प्रचंड फॉर्म में थे.
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ये समय था जुलाई 2008 से जनवरी 2010 का. इस दौरान गौतम ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे, टी-20) की 78 पारियों में 3384 रन बनाए. इस 18 महीने के दौरान गौतम ने 9 शतक और 19 अर्धशतक जमाए. इसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है, जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में बनाया.
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दो वर्ल्डकप के फाइनल में शानदार बल्लेबाजी
दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले टी-20 वर्ल्डकप में अगर भारत ने खिताबी जीत दर्ज की तो इसके पीछे बड़ा कारण गौतम गंभीर की बल्लेबाजी भी रही. उन्होंने इस टूर्नामेंट में 3 अर्धशतक लगाए. इसमें फाइनल में पाकिस्तान के विरुद्ध खेली गई 75 रनों की पारी भी शामिल है. इसके अलावा 2011 के वर्ल्डकप फाइनल में भी उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ सबसे बड़ी पारी खेली. इस मैच में उन्होंने 97 रनों की पारी खेली.
टेस्ट में नाकामी बनी बाहर जाने की बड़ी वजह
अगर गौतम गंभीर ने सभी फॉर्मेट में जोरदार बल्लेबाजी से सबको अपना दीवाना बनाया तो एक समय ऐसा भी आया जब उनके बल्ले से रनों ने निकलना बंद कर दिया. जनवरी 2010 में टेस्ट मैच में बांग्लादेश के खिलाफ शतक बनाने के बाद गौतम गंभीर अपनी फॉर्म खो बैठे. इसके बाद उन्होंने करीब 46 टेस्ट पारियां खेलीं, लेकिन कोई बड़ी पारी नहीं खेल पाए. इसके बाद उन्हें 2012 में टीम से ड्रॉप कर दिया गया.