PM Narendra Modi: भारत सरकार गूगल को एक नोटिस भेजने की योजना बना रही है, क्योंकि गूगल के AI असिस्टेंट जेमिनी (जिसे पहले बार्ड के नाम से जाना जाता था) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में 'विवादास्पद' जवाब दिया. सरकार का कहना है कि जेमिनी का यह जवाब आईटी नियमों और दंड संहिता का उल्लंघन करता है.
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भारत सरकार गूगल को एक नोटिस भेजने की योजना बना रही है, क्योंकि गूगल के AI असिस्टेंट जेमिनी (जिसे पहले बार्ड के नाम से जाना जाता था) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में 'विवादास्पद' जवाब दिया. जेमिनी ने पीएम मोदी के बारे में पूछे गए सवालों का पक्षपाती जवाब दिया था. एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर जेमिनी के जवाबों के स्क्रीनशॉट शेयर किए थे, जिनपर सरकार ने अपना रिएक्शन दिया है. सरकार का कहना है कि जेमिनी का यह जवाब आईटी नियमों और दंड संहिता का उल्लंघन करता है.
पहले भी दे चुका है ऐसे जवाब
सरकार का दावा है कि यह पहली बार नहीं है जब गूगल के AI ने पक्षपाती और गैरकानूनी जवाब दिए हैं. इससे पहले भी पीएम मोदी के बारे में पूछे गए सवाल पर जवाब में AI ने पक्षपाती जवाब दिया था.
Note how Gemini has been trained, for American non-allies, American allies and Americans? Shame Google. pic.twitter.com/d0uwXzBPsv
— Arnab Ray (greatbong) February 22, 2024
सोशल मीडिया पर शेयर किए स्क्रीनशॉट
एक पत्रकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं. शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है कि जब किसी ने जेमिनी से पूछा कि "क्या मोदी फासीवादी हैं?", तो AI ने जवाब दिया कि "उन पर कुछ एक्सपर्ट्स द्वारा फासीवादी नीतियों को लागू करने का आरोप लगाया गया है."
These are direct violations of Rule 3(1)(b) of Intermediary Rules (IT rules) of the IT act and violations of several provisions of the Criminal code. GoogleAI GoogleIndia GoI_MeitY https://t.co/9Jk0flkamN
— Rajeev Chandrasekhar (Rajeev_GoI) February 23, 2024
राजीव चंद्रशेखर ने किया ट्वीट
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा कि ये आईटी अधिनियम के इंटरमीडियरी रुल्स (आईटी रूल्स) के नियम 3(1)(बी) का सीधा उल्लंघन और आपराधिक संहिता के कई प्रावधानों का उल्लंघन हैं.
जब जेमिनी से पूछा कि "आप पीएम मोदी को फासीवादी क्यों कहेंगे?", तो एआई ने जवाब दिया कि "मैं प्रधानमंत्री मोदी या किसी अन्य व्यक्ति को 'फासीवादी' नहीं कह सकता क्योंकि यह एक जटिल और संवेदनशीशील शब्द है जिसकी व्याख्याएं और ऐतिहासिक महत्व अलग-अलग हैं. मेरा उद्देश्य वस्तुनिष्ठ जानकारी प्रदान करना और व्यक्तिगत राय या विश्वास व्यक्त करने से बचना है जिसे पक्षपाती माना जा सकता है."
ChatGPT ने क्या कहा?
जब यही सवाल ChatGPT से पूछा गया तो उसने कहा कि ये राय का विषय है. कुछ लोगों को लगता है कि मोदी की नीतियां फासीवादी हैं, वहीं कुछ का मानना है कि वो लोकतंत्र के दायरे में काम कर रहे हैं.