जेब में रखा स्मार्टफोन भी कर सकता है आपकी जासूसी, इन बातों का रखें ध्यान
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जेब में रखा स्मार्टफोन भी कर सकता है आपकी जासूसी, इन बातों का रखें ध्यान

देश और दुनिया पर दिन पर दिन स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या बढ़ रही है. स्मार्टफोन ने आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को जितना आसान बनाया उतनी ही इससे खतरा भी बढ़ रहा है.

जेब में रखा स्मार्टफोन भी कर सकता है आपकी जासूसी, इन बातों का रखें ध्यान

नई दिल्ली : देश और दुनिया पर दिन पर दिन स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या बढ़ रही है. स्मार्टफोन ने आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को जितना आसान बनाया उतनी ही इससे खतरा भी बढ़ रहा है. कई शोध से स्मार्टफोन का सेहत पर पढ़ने वाला असर भी सामने आया है. अब फेसबुक डाटा लीक मामले के बाद एक और खबर चर्चा में है कि कही आपका फोन ही तो आपकी जासूसी नहीं कर रहा. आमतौर पर लोग 24 घंटे फोन को ऑन रखते हैं. लेकिन शायद ही आपको पता हो कि इससे आपकी प्राइवेसी को भी खतरा है. आगे पढ़िए कि जेब में रखा आपका स्मार्टफोन कैसे आपकी प्राइवेसी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

जियोट्रैकिंग से हो सकता है नुकसान
जियोट्रैकिंग स्मार्टफोन का महत्वपूर्ण फीचर है. सर्विलांस टेक्निक से सेल टावर और इंटीग्रेटेड जीपीएच चिप के जरिए स्मार्टफोन की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है. यहां तक की अगर आप अपने फोन के जीपीएस को ऑफ भी कर देते हैं तो दूसरे सेंसर्स की मदद से फोन को ट्रैक किया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि लोकेशन का पता लगाकर कोई शख्स आपको नुकसान पहुंचा सकता है.

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एक्सेस देने में सावधानी बरतें
स्मार्टफोन में मैलेशियस ऐप्स डाउनलोड करते वक्त वे अधिक एक्सेस मांगते हैं. इस तरह के मामलों में हमें थोड़ी सतर्कता बरतनी चाहिए. जब आप कोई नया गेम डाउनलोड कर रहे हैं तो उसे आपके कॉन्टैक्ट, जीपीएस और कैमरा एक्सेस की जरूरत क्यों पड़नी चाहिए? हमें इस बारे में विचार करना चाहिए और हमेशा वेलिड सोर्स से ही ऐप डाउनलोड करना चाहिए.

फ्री वाई-फाई हो सकता है घातक
वाई-फाई सर्च करते वक्त अगर कोई फ्री वाई-फाई मिल जाए तो लोग बहुत खुश हो जाते हैं. यह धोखा भी हो सकता है. इससे भी आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है. जिस आसानी से आप फ्री वाई फाई का इस्तेमाल कार सकते हैं, हो सकता है कि उतनी से आप हैकर का निशाना भी बन जाएं. जिन फ्री वाईफाई में किसी ऑथेंटिकेशन की जरूरत नहीं पड़ती, वह किसी हैकर का फेंका हुआ चारा भी हो सकता है.

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फ्री एंटी वायरस से रहें सावधान
एंटी वायरस का ज्यादातर इस्तेमाल पर्सनल पीसी में किया जाता है. इसलिए लोग पीसी को एडिशनल सिक्योरिटी देने के लिए फ्री एंट्री वायरस डाउनलोड करके इंस्टॉल कर लेते हैं. हालांकि स्मार्टफोन के एंटी वायरस की जरूरत अभी भी स्मार्टफोन यूजर्स को समझ नहीं आ रही है, जबकि फोन में कई पर्सनल इंफॉर्मेशन होती हैं.

स्मार्टफोन का कैमरा हो सकता है खतरा
आपके स्मार्टफोन का कैमरा आपकी सिक्योरिटी के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है. इसकी वजह यह है कि हैकर्स द्वारा कंट्रोल होने पर स्मार्टफोन का कैमरा आपकी जासूसी कर सकता है. एक अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार जाने माने हैकर और लेखक केविन एम का कहना है कि फोन में सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करके या रिमोट के जरिए ऐसा किया जा सकता है.

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माइक्रोफोन से सुन सकता है आपकी बात
स्मार्टफोन में माइक्रोफोन के जरिए छिप कर किसी की बात सुनी जा सकती है. आज हर स्मार्टफोन में माइक्रोफोन है, ऐसे में यह सिक्योरिटी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. माइक्रोफोन का इस्तेमाल डाटा कलेक्शन के लिए भी किया जा सकता है.

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