मोदी सरकार का अंतिम पूर्णकालिक बजट गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश कर दिया. बजट पेश होने से पहले लोगों को इसके लोकलुभावन होने की उम्मीद थी. सदन में गुरुवार को वित्त मंत्री का बजट भाषण करीब 65 मिनट तक चला.
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नई दिल्ली : मोदी सरकार का अंतिम पूर्णकालिक बजट गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश कर दिया. बजट पेश होने से पहले लोगों को इसके लोकलुभावन होने की उम्मीद थी. सदन में गुरुवार को वित्त मंत्री का बजट भाषण करीब 65 मिनट तक चला. जेटली ने सुबह 11.05 बजे संसद में बजट भाषण देना शुरू किया, जो दोपहर 12.10 बजे खत्म हुआ. इस दौरान सत्ता पक्ष ने कई बार मेज थपथपाकर खुशी का इजहार किया, वहीं सत्ता पक्ष ने कुछ मौकों पर विरोध भी जताया.
योजना के लिए अध्ययन कर जुटाए जाते हैं आंकड़े
एक अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार सत्ता पक्ष के सांसदों ने पूरे बजट भाषण के दौरान 129 बार मेज थपथपाई. वहीं, 12 बार विपक्ष ने विरोध जताया. बजट पेश करते हुए जब वित्त मंत्री ने कहा कि किसी भी योजना के लिए गरीबों पर अध्ययन कर आंकड़े जुटाए जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन अपने आप में ही गरीब और मध्यम वर्ग के लिए केस स्टडी है क्योंकि उन्होंने इस जीवन को जिया है. इसका लाभ अब सरकार की योजनाओं में मिल रहा है. गरीब भी लाभान्वित हो रहे हैं.
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जब विपक्ष हुआ खुश
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने जब भारतीय सीमा की सुरक्षा में लगे जवानों के वेलफेयर की बात की तो सत्ता और विपक्ष दोनों ने मेज थपथपाकर बजट का स्वागत किया. भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने जब कहा कि 10 करोड़ से अधिक बीपीएल परिवारों (50 करोड़ से अधिक लोग) को प्रति हर वर्ष पांच लाख रुपए तक का हेल्थ कवरेज देने जा रहे हैं. इसके बाद सत्ता पक्ष के सांसद करीब 30 सेकंड तक मेज थपथपाते रहे, जबकि विपक्ष शांत बैठा रहा.
इन मुद्दों पर विपक्ष ने विरोध जताया
एक घंटे 5 मिनट के बजट भाषण के दौरान 12 बार विपक्ष ने शोर-शराबा कर अपना विरोध जताया. वामपंथी पार्टी के सांसद ने पहली बार किसानों के मुद्दे पर शोर-शराबा किया. दूसरी बार फसलों के लागत मूल्य को लेकर हंगामा हुआ. तीसरी बार उज्ज्वला योजना पर, चौथी बार ग्रामीण आवास योजना पर, पांचवीं और छठी बार क्वालिटी एजुकेशन, सातवीं बार हेल्थ के मुद्दे पर, आठवीं बार गंगा की सफाई पर, नौवीं बार पीएफ अकाउंट, 10वीं बार बुलेट ट्रेन, 11वीं बार राज्यपाल व सांसदों के वेतन-भत्ते और 12वीं बार कॉरपोरेट टैक्स में छूट देने पर विपक्ष ने शोर-शराबा किया.