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नई दिल्लीः एयरसेल मैक्सिस डील मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है.इस केस में पूर्व की कांग्रेस नेतृत्व की यूपीए सरकार में वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर आरोप लगाया गया था. चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) का उल्लंघन किया है.
Aircel-Maxis case: ED files status report in SC over FIPB(Foreign Investment Promotion Board)violation stating alleged role of P.Chidambaram pic.twitter.com/gyuR9Q8MFo
— ANI (@ANI_news) April 3, 2017
ईडी ने मालमे में सील बंद रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की है. अब इस केस में सुप्रीम कोर्ट 2 मई को अगली सुनवाई करेगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ आरोपों पर सबूत मांगे थे. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को इस मामले में दो हफ्ते में मैटेरियल सबूत पेश करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम देश के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े व्यक्ति को तभी नोटिस जारी करेंगे जब इसके मामले में कोई सबूत होंगे.
Aircel-Maxis case: The apex court has fixed the matter for further hearing on 2 May
— ANI (@ANI_news) April 3, 2017
एयरसेल-मैक्सिस डील : कोर्ट ने पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, कलानिधि मारन को आरोपमुक्त किया
क्या थी एयरसेल-मैक्सिस डील:-
- मैक्सिस मलेशिया की एक कंपनी है जिसका मालिकाना हक एक बिजनेस टॉयकून टी आनंद कृण्णन के पास है जिन्हें टैक नाम से भी जाना जाता है. टैक श्रीलंका की तमिल पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले एक मलेशियाई नागरिक है.
- एयरसेल को सबसे पहले एक एनआरआई टॉयकून सी सिवसंकरन (सिवा) ने प्रमोट किया था, जो कि तमिलनाडु के मूल निवासी थे.
- साल 2006 में मैक्सिस ने एयरसेल की 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी. बाकी की 26 फीसदी हिस्सेदारी अब एक भारतीय कंपनी, जो कि अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप से संबंधित है के पास है. इन 26 फीसदी शेयर का मालिकाना हक सुनीता रेड्डी के पास है जो कि अपोलो के ग्रुप फाउंडर डॉ सी प्रताप रेड्डी की बेटियों में से एक हैं.
एयरसेल मैक्सिस के 2जी लाइसेंस को रद्द करने का प्रस्ताव
- ये डील उस वक्त विवादों के घेरे में आ गई जब 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला उजागर हुआ। तब देश के सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि वो इस मामले में ए राजा के पूर्ववर्ती मंत्रियों की जांच करे.
मामले से जुड़ी अहम बातें:
- सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि वो ए राजा से पहले दूरसंचार मंत्री रहे दयानिधि मारन के खिलाफ जांच करे. इस मामले के चलते मारन को अप्रैल साल 2011 में इस्तीफा देना पड़ा था.
- एयरसेल-मैक्सिस डील उस वक्त जांच के घेरे में आ गई जब एयरसेल के मालिक सी सिवसंकरन ने शिकायत दर्ज करते हुए सीबीआई को यह बताया था कि उन पर मैक्सिस को अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए दबाव बनाया गया था.
- दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की इस मामले में अलग अलग राय को देखते हुए मैक्सिस कम्युनिकेशंस Berhad ने 25 जुलाई 2014 को तात्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से यह आग्रह किया था कि इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच करवाई जाए.
- सीबीआई ने 29 अगस्त 2014 को पूर्व टेलीकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन, मलेशियाई कंपनी मैक्सिस के ओनर टी आनंद कृष्णन, मैक्सिस ग्रुप के वरिष्ठ कार्यकारी राल्फ मार्शल और सन डायरेक्ट समेत चार अन्य कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
- एयरसेल मैक्सिस मामले में समन भेजे जाने के 2जी स्पेशल कोर्ट के फैसले के खिलाफ मारन ने 5 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
- 8 जनवरी 2016 को ईडी ने अपनी ताजा चार्जशीट में मारन बंधु, कलानिधि मारन की पत्नी कावेरी मारन, तीन अन्य लोग और दो कंपनियों को शामिल किया।