पाकिस्तान के प्रमुख चैनलों में से एक जियो टीवी को ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है. माना जा रहा है कि सरकार और सेना के खिलाफ खबरें दिखाने पर चैनल पर ये कार्रवाई की गई है. हालात ये हैं कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी और सर्वोच्च अदालत में मामला पहुंचने पर भी चैनल को अब तक ऑन एयर नहीं किया गया है.
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नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रमुख चैनलों में से एक जियो टीवी को ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है. माना जा रहा है कि सरकार और सेना के खिलाफ खबरें दिखाने पर चैनल पर ये कार्रवाई की गई है. हालात ये हैं कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी और सर्वोच्च अदालत में मामला पहुंचने पर भी चैनल को अब तक ऑन एयर नहीं किया गया है. पाकिस्तान में करीब 80 प्रतिशत इलाके में चैनल को नहीं दिखाए जाने की बात खुद नेटवर्क के चीफ एडिटर ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू के दौरान स्वीकारी है. हालांकि, आर्मी की ओर से अब तक मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. साक्षात्कार के दौरान जांग ग्रुप के मीडिया चैनल जियो टीवी के चीफ एडिटर मीर इब्राहिम रहमान ने बताया कि पाकिस्तान में करीब 80 प्रतिशत इलाकों में चैनल ऑफ एयर है. द न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस कदम को पाकिस्तानी आर्मी के मीडिया और अन्य नागरिक संस्थानों पर काबू करने के तहत उठाया गया एक कदम बताया है.
मार्च से जारी है चैनल का ब्लैकआउट
बताया जा रहा है कि जियो टीवी को मार्च के पहले हफ्ते से देश के उन क्षेत्रों में दिखाना बंद कर दिया गया जहां सेना की छावनी है या जो क्षेत्र आर्मी के कंट्रोल में हैं. इसके बाद अन्य क्षेत्रों में भी केबल ऑपरेटर्स ने चैनल को ब्लॉक करना शुरू कर दिया.
गृहमंत्री एहसान इकबाल ने इस ब्लैकआउट के पीछे पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी और मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन के किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है. रेगुलेटरी अथॉरिटी ने मामले में दो अप्रैल को एक बयान जारी करते हुए केबल ऑपरेटर्स को चैनल फिर से ऑन एयर करने के निर्देश दिए थे. पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक, इस मामले में भले ही रेगुलेटरी अथॉरिटी ने नोटिस जारी किया हो और मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गया हो, लेकिन किसी को भी ये नहीं पता है कि चैनल को आधिकारिक तौर पर फिर से ऑन एयर कैसे करवाया जाए.
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आर्मी को पोल खोलने की मिली सजा
जियो टीवी पर करीब एक महीने से लगे बैन के पीछे की एक चौंकाने वाली वजह सामने आई है. स्थानीय मीडिया के अनुसार जियो टीवी और सरकार के बीच में काफी समय से तनातनी की स्थिति बनी हुई थी. चैनल ने कई बार सरकार के विरुद्ध खबरें दिखाते हुए पूर्व पीएम नवाज शरीफ के पक्ष में खबरें दिखा चुका था. शरीफ को 2017 में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पद से हटा दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि सेना और सरकार ने मिलकर उनके खिलाफ साजिश रची है.
जियो चैनल से पाकिस्तान आर्मी भी नाराज चल रही थी. चैनल ने कई बार आतंकियों को लेकर सेना के रवैये और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के घरेलू और विदेशी नीतियों को लेकर भी आलोचना की थी. इसके बाद से चैनल का ब्लैकआउट शुरू हो गया.
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जियो टीवी के ब्लैकआउट पर जताई चिंता
पाकिस्तान में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए काम करने वाली एक समिति ने जियो टीवी के ब्लैकआउट को अधिकारों का हनन बताया है. उन्होंने स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए हालात सुधारने का सुझाव दिया है. समिति की ओर से कहा गया कि ये हैरान करने वाला है कि किसी में इतनी हिम्मत नहीं है कि कोई जियो टीवी पर लगे बैन लगाने वालों के बारे में खुलकर बात कर सके.