इन दिनों पाकिस्तान में महंगी गाड़ियों में घूम-घूम कर भारत और अमेरिका के ख़िलाफ एजेंडा चलाने वाले हाफिज़ सईद को, General क़मर Javed Bajwa के रुप में एक नया समर्थक मिल गया है.
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DNA में हमारी अगली ख़बर पाकिस्तान से संबंधित है. हम जानते हैं, कि पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान का नाम सुन-सुन कर आपके कान पक गए होंगे. लेकिन आज पाकिस्तान से बोर होने का नहीं...बल्कि सावधान होने का दिन है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसे समझाने के लिए सबसे पहले आपको एक तस्वीर दिखाना चाहते हैं. इस तस्वीर में पाकिस्तान के सेना प्रमुख General क़मर Javed Bajwa हैं. और वो जिस व्यक्ति से मुस्कुराते हुए हाथ मिला रहे हैं, उनका नाम है मियां रज़ा रब्बानी...जो Senate of Pakistan के Chairman हैं.
पाकिस्तान के सेना प्रमुख कल वहां की संसद में एक Presentation देने के लिए पहुंचे थे. ये Presentation पाकिस्तान की आंतरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर आधारित थी. ये एक In-Camera Session था. In-Camera एक Latin Term है, जिसे In-Private Session भी कहा जाता है. ये एक प्रकार की Confidential Meeting होती है. जिसमें कही गई बातों की Video Recording नहीं होती है. यहां तक कि, In-Camera Session में जो कुछ भी होता है, उसे सार्वजनिक नहीं किया जाता. ख़ास तौर पर सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मुद्दों और फैसलों को आम जनता से छिपा कर रखा जाता है. लेकिन, Committee of the Whole House यानी पूरे सदन के हर सदस्य के सामने पाकिस्तान के सेना प्रमुख द्वारा कही गई बातें Leak हो गई हैं. और ये मामला सीधे-सीधे कश्मीर और पाकिस्तान की सेना के लाडले हाफिज़ सईद से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस ख़बर की गंभीरता को हल्के में नहीं लिया जा सकता.
इन दिनों पाकिस्तान में महंगी गाड़ियों में घूम-घूम कर भारत और अमेरिका के ख़िलाफ एजेंडा चलाने वाले हाफिज़ सईद को, General क़मर Javed Bajwa के रुप में एक नया समर्थक मिल गया है. पाकिस्तान के एक सांसद ने अपने सेना प्रमुख से हाफिज़ सईद को लेकर एक सवाल पूछा था. वो सवाल ये था, कि जनरल बाजवा, पाकिस्तान और कश्मीर के लिए हाफिज़ सईद की भूमिका को किस नज़रिए से देखते हैं ?
इस सवाल के जवाब में पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने कहा, कि हर पाकिस्तानी की ही तरह, हाफिज़ सईद भी कश्मीर के मुद्दे को उठा सकता है. यानी हाफिज़ सईद को अभिव्यक्ति की पूरी आज़ादी है.. और उसके सिर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख का हाथ है. जनरल बाजवा ने अपने बयान के ज़रिए पाकिस्तान के तमाम नागरिकों को हाफिज़ सईद के बराबर लाकर खड़ा कर दिया. Committee of the Whole House में जनरल बाजवा ने एक तरह से ये साफ कर दिया कि हाफिज़ सईद को उनका पूरा समर्थन हासिल है. फिर चाहे वो जेहाद के नाम पर कश्मीर घाटी में आतंकवाद फैलाए या फिर वर्ष 2018 में चुनाव जीतकर पाकिस्तान की सत्ता में Entry मार ले.
आपको याद होगा, कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ भी ये दिली इच्छा जता चुके हैं, कि उन्हें हाफिज़ सईद के साथ मिलकर पाकिस्तान में सरकार बनाने में कोई आपत्ति नहीं होगी. ऐसे में आज ये समझना ज़रुरी है...कि आतंकवादियों और पाकिस्तान की सेना का ये कैसा याराना है ?
जनरल बाजवा के बयान के आधार पर पाकिस्तान के अखबार The News International ने आज एक ख़बर छापी है. जिसका शीर्षक था...Politicians Must Not Tempt Army With Chances, Says General Bajwa...
इस अखबार ने जनरल बाजवा के बयान को Quote करते हुए लिखा है, कि "पाकिस्तान के सांसद.... सुरक्षा और विदेश मामलों से जुड़ी नीतियों को फाड़कर फेंक दें. पाकिस्तान की सेना को इससे कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन पाकिस्तान के नेता... सेना को किसी प्रकार का कोई मौका ना दें. " जनरल बाजवा के इस बयान को पाकिस्तान में तख्तापलट के इशारे के तौर पर देखा जा रहा है.
कल ही अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump ने अपनी नयी National Security Strategy को लागू करते हुए कहा था...कि पाकिस्तान...अमेरिका की मदद करने के लिए मजबूर और बाध्य है. Trump ने पाकिस्तान को उसकी हैसियत दिखाते हुए ये भी कहा, कि अमेरिका हर साल पाकिस्तान को करोड़ों रुपये देता है, इसलिए उसे अमेरिका की मदद करनी ही होगी. यहां पर मदद का मतलब था...पाकिस्तान की ज़मीन पर मौजूद आतंकवादी संगठनों का सफाया.
इसके अलावा, आज ही US State Department की प्रवक्ता ने इस बात पर चिंता जताई है, कि आतंकवादी हाफिज़ सईद, वर्ष 2018 में पाकिस्तान का आम चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. एक भारतीय पत्रकार के सवाल के जवाब में US State Department की प्रवक्ता ने बार-बार पाकिस्तान को बार बार ये याद दिलाया...कि अमेरिका ने हाफिज़ सईद के सिर पर 10 मिलियन डॉलर का ईनाम घोषित किया हुआ है. और ये बात पाकिस्तान को कभी भूलनी नहीं चाहिए
लेकिन, ऐसा लगता है, कि पाकिस्तान अब खुद अपना विनाश करने का इरादा कर चुका है. हाफिज़ सईद, भारत के लिए Most Wanted आतंकवादी है. उसपर अमेरिका ने 65 करोड़ रुपये का ईनाम घोषित किया हुआ है, उसे Interpol ढूंढ रहा है. यहां तक कि उसके संगठन लश्कर ए तैय्यबा को United Nations ने वर्ष 2008 में ही आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था. फिर ऐसा क्या है, कि दुनिया इस आतंकवादी के ख़िलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही. जब पाकिस्तान के मौजूदा सेना प्रमुख ने खुद उसे कश्मीर में जेहाद करने का लाइसेंस दे दिया है...तो अब दुनिया को और कौन सा सबूत चाहिए ?
यहां हम आपका ध्यान कुछ तस्वीरों की तरफ भी आकर्षित करना चाहते हैं. ये तस्वीरें दिल्ली या मुंबई की नहीं, बल्कि अमेरिका के New York की हैं. जहां Free Balochistan Campaign की शुरुआत हो गई है. बलोचिस्तान में पाकिस्तान की सेना के अत्याचार से आप सभी अच्छी तरह परिचित हैं. लेकिन, दुनिया को अब तक बलोचिस्तान में पाकिस्तान की सेना की दरिंदगी के बारे में जानकारी नहीं है. इसलिए World Baloch Organisation ने इस Campaign की शुरुआत की है. इसमें 100 से ज़्यादा टैक्सियों पर लिखा हुआ है Free Balochistan From Human Rights Abuses By Pakistan. इस मुहिम का मकसद है अमेरिका सहित दुनिया के हर देश के नागरिकों को.. पाकिस्तान की मानवता विरोधी सोच के बारे में जागरुक करना.
एक ऐसा ही Campaign कुछ महीनों पहले London में किया गया था. तब बड़ी-बड़ी बसों.. और टैक्सियों की मदद से Free Balochistan Campaign का प्रचार किया गया था. उस वक्त इस मुहिम को लोगों का भारी समर्थन मिला था. हालांकि, पाकिस्तान की सरकार ने उस वक्त हर संभव कोशिश की थी...कि इस मुहिम को किसी तरह दबा दिया जाए. शुरुआत में जब पाकिस्तान ने इस पर आपत्ति जताई, तो 24 घंटों के अंदर Transport for London ने टैक्सी पर लगे Free Balochistan वाले विज्ञापन को हटाने का आदेश दे दिया. हालांकि, बाद में ब्रिटेन की Advertising Standards Authority ने लंदन की बसों और टैक्सियों से Free Balochistan वाले विज्ञापनों को हटाए जाने को लेकर कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. ब्रिटेन की Advertising Standards Authority ने इसके पीछे ये दलील दी, कि तथ्यों के आधार पर ये विज्ञापन ब्रिटेन की Code of Non-Broadcasting Advertising का उल्लंघन नहीं करता. इस Council ने ये ज़रुर माना, कि बलोचिस्तान की आज़ादी पर आधारित ये विज्ञापन राजनीतिक तौर पर काफी संवेदनशील है. लेकिन उसने ये भी कहा, कि विज्ञापन करने वालों को अपनी राय रखने का हक है. और वो तब तक ऐसा कर सकते हैं, जब तक वो किसी नियम का कोई उल्लंघन नहीं करते. इसके अलावा ये बात भी कही गई...कि Free Balochistan वाला विज्ञापन कानून के दायरे में है और शांतिपूर्ण है. दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं और देशों का ध्यान आकर्षित करने के लिए आमतौर पर किसी बड़े शहर में ऐसे Campaign किए जाते हैं. क्योंकि, इन शहरों पर पूरी दुनिया की नज़र रहती है. और London के बाद New York की सड़कों पर दौड़ने वाली टैक्सियां भी इस वक्त ऐसा ही कर रही हैं. ये पाकिस्तान के लिए एक तरह की International बेइज़्ज़ती है.
हाफिज़ सईद, भारत के लिए Most Wanted है. उसपर अमेरिका ने 65 करोड़ रुपये का ईनाम घोषित किया हुआ है, उसे Interpol ढूंढ रहा है. यहां तक कि उसके संगठन लश्कर ए तैय्यबा को United Nations ने वर्ष 2008 में ही आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था. फिर ऐसा क्या है, कि दुनिया इस आतंकवादी के ख़िलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही. जब पाकिस्तान के मौजूदा सेना प्रमुख ने खुद उसे कश्मीर में जेहाद चलाने का लाइसेंस दे दिया है...तो क्या इससे बड़ा सबूत कुछ और हो सकता है ?