अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टर का कमाल, पहली बार कोरोना रोगी का हुआ लंग्स ट्रांसप्लांट
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अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टर का कमाल, पहली बार कोरोना रोगी का हुआ लंग्स ट्रांसप्लांट

डॉ. अंकित के नेतृत्व में सर्जनों ने कोरोना वायरस के कारण एक महिला के फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचने के बाद उसके फेफड़े को नया सेट दे दिया है. 

डॉक्टर अंकित

नई दिल्ली: अमेरिका (America) में भारतीय मूल के डॉक्टर अंकित भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. डॉ. अंकित के नेतृत्व में सर्जनों ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण एक महिला के फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचने के बाद उसके फेफड़े को नया सेट दे दिया है. मतलब कोरोना मरीज के फेफड़े का प्रत्यारोपण (Lung Transplant) कर दिया. अमेरिका में कोरोना संकट काल में यह पहली सफल सर्जरी है.

  1. भारतीय मूल के डॉक्टर अंकित भारत ने US में हासिल की बड़ी उपलब्धि
  2. कोरोना मरीज के फेफड़े का प्रत्यारोपण
  3. कोरोना मरीज का सर्जरी सफल

जानकारी के मुताबिक, कोरोना मरीज का कोविड-19 से फेफड़े खराब हो गए थे. उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे डॉक्टर अंकित भारत के नेतृत्व में सर्जनों ने कोरोना रोगी की शिकागो स्थित नार्थवेस्टर्न मेडिसिन अस्पताल में सफल सर्जरी की. नार्थवेस्टर्न मेडिसिन फेफड़ा प्रतिरोपण कार्यक्रम के थोरेसिक (वक्ष से संबंधित) सर्जरी प्रमुख एवं सर्जिकल निदेशक अंकित भारत ने कहा, 'फेफड़ा का प्रतिरोपण होना ही उसके जीवित रहने का एकमात्र विकल्प था.' महिला की उम्र करीब 20-25 साल है.

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वाशिंगटन पोस्ट ने अंकित भारत के हवाले से लिखा- 'मैं अपने करियर का अब तक का यह सबसे कठिन प्रतिरोपण किया.यह सचमुच में एक सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण मामला था.' इससे पहले डॉक्टर अंकित ने यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया में 45 साल की एक महिला का फेफड़ा प्रतिरोपित किया था. यह दुनिया का पहला ज्ञात फेफड़ा प्रतिरोपण था.

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