कैसे बनी पृथ्वी? NASA के नए अंतरिक्ष यान से खुलेगा राज!
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कैसे बनी पृथ्वी? NASA के नए अंतरिक्ष यान से खुलेगा राज!

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा मंगल ग्रह पर एक नया अंतरिक्ष यान भेज रहा है. ये यान लालग्रह की अंदरूनी संरचना का गहराई से अध्ययन करेगा. इससे यह जानकारी सामने आ सकेगी कि किस प्रकार से चट्टानी ग्रह और उनके चंद्रमाओं का निर्माण होता है.

मंगल ग्रह (प्रतीकात्मक तस्वीर)

लॉस एंजेलिस: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा मंगल ग्रह पर एक नया अंतरिक्ष यान भेज रहा है. ये यान लालग्रह की अंदरूनी संरचना का गहराई से अध्ययन करेगा. इससे यह जानकारी सामने आ सकेगी कि किस प्रकार से चट्टानी ग्रह और उनके चंद्रमाओं का निर्माण होता है. नासा ने कहा कि यह पहली बार है जब अंतरिक्ष यान को अमेरिका के पश्चिमी तट से प्रक्षेपित किया जाएगा. अमेरिका के अधिकतर इंटरप्लेनिटरी मिशन फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर (केएससी) से उड़ान भरते हैं. जो कि देश के पूर्वी तट पर स्थित है. पांच मई को वॉन्डेनबर्ग एयरफोर्स बेस से पहला ऐतिहासिक इंटरप्लेनिटरी लॉन्च होगा.

  1. नासा मंगल ग्रह पर भेजेगा नया अंतरिक्ष यान
  2. मंगल की अंदरूनी संरचना का करेगा अध्ययन
  3. अमेरिका के पश्चिमी तट से लॉन्च होगा ये यान

इस 57.3 मीटर लंबे यूनाइटेड लॉन्च एलाइंस एटलस 5 रॉकेट में नासा के सीस्मिक इन्वेस्टिगेशन्स का इस्तेमाल करते हुए इंटीरियर एक्सप्लोरेशन, जियोडसी और हीट ट्रॉन्सपोर्ट (इनसाइट) लैंडर होंगे जो मंगल के उत्तरी गोलार्ध में स्थित एलेसियम प्लेनीशिया क्षेत्र की निगरानी करेगा.

इनसाइट लैंडर्स मंगल की अंदरूनी संरचना का अध्ययन कर यह पता लगाएगा कि किस प्रकार से पृथ्वी और चंद्रमा सहित चट्टानी ग्रहों का निर्माण हुआ.

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सूरज के करीब पहुंचने की तैयारी में नासा
सूर्य के करीब पहुंचने की मानव की पहली तैयारी में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपना 'पार्कर सोलर प्रोब' जुलाई में लांच करने जा रहा है. 'पार्कर सोलर प्रोब' को फ्लोरिडा स्थित नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से लांच कांप्लेक्स-37 से भेजा जाएगा. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा कि दो घंटे का लांच विंडो 31 जुलाई को सुबह चार बजे खुलेगा और उसके बाद 19 अगस्त तक हर दिन सुबह चार बजे से थोड़ा पहले खुलेगा.

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अंतरिक्ष के लिए रवाना होने के बाद अंतरिक्ष यान सीधा सूर्य के प्रभामंडल यानी कोरोना में पहुंचेगा, जोकि सूर्य के काफी करीब है जहां अब तक कोई मानव निर्मित वस्तु नहीं पहुंच पाई है. सूर्य की सतह से कोरोना की दूरी 38 लाख मील दूर है. पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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