पाकिस्‍तान चुनाव नतीजे LIVE : इमरान खान की पार्टी 115 सीटों पर आगे, पूर्व पीएम अब्‍बासी को मिली शिकस्‍त
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पाकिस्‍तान चुनाव नतीजे LIVE : इमरान खान की पार्टी 115 सीटों पर आगे, पूर्व पीएम अब्‍बासी को मिली शिकस्‍त

अभी तक पाकिस्तान की हंग असेंबली बनती हुई दिख रही है. 272 सीटों पर हुए चुनावों में पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 137 सीटें चाहिए. 

इमरान खान की पीटीआई के समर्थकों में खुशी की लहर छाई हुई है. पीटीआई सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. (फोटो- Reuters)

नई दिल्ली/इस्‍लामाबाद : पाकिस्तान में संपन्न हुए आम चुनाव के अंतिम रुझानों में इमरान खान की पार्टी पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. जियो न्‍यूज के मुताबिक, इमरान खान ने अपनी सीट नेशनल असेंबली इस्‍लामाबाद 2 पर 92,891 वोटों से जीत हासिल की है. साथ ही उनकी पार्टी 115 सीटों पर आगे चल रही है. चुनावों में मिल रही जीत पर उनके समर्थकों में भी खुशी की लहर है. समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर जश्‍न मनाना शुरू कर दिया है. वहीं पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन के प्रत्‍याशी शाहिद खक्‍कान अब्‍बासी को पीटीआई के सदाकत अली अब्‍बासी ने हरा दिया है. सदाअत अली अब्‍बासी ने नेशनल असेंबली 57 मुर्री से जीत हासिल की है.

 

 

पाकिस्‍तान चुनाव आयोग के सचिव बाबर याकूब ने बताया कि चुनाव परिणाम में दबाव के कारण देरी हो रही है. साथ ही उन्‍होंने बताया है कि इसके चलते परिणाम जारी करने की प्रक्रिया बाधित हुई.

वहींं, नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल- एन) इन चुनावों में पीछे है और उसे 62 सीटों पर बढ़त हासिल है. वहीं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 36 सीटों पर आगे चल रहे हैं. खास बात यह है कि आतंकी सरगना हाफिज सईद की पार्टी अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक का खाता तक नहीं खुल पाया है.

वहीं नियमों के मुताबिक पाकिस्‍तान के चुनाव आयोग को मतदान के नतीजे फॉर्म 45 में उपलब्‍ध कराने होते हैं. लेकिन आयोग हैदराबाद और खी में फॉर्म 45 के बजाय सादे कागजों में ही नतीजे उपलब्‍ध करा रहा है. इसके कारण चुनावों में गड़बड़ी की आशंका भी उठाई जा रही है.

 

 

सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 137 सीटें चाहिए
हालांकि, अभी तक पाकिस्तान की हंग असेंबली बनती हुई दिख रही है. 272 सीटों पर हुए चुनावों में पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 137 सीटें चाहिए. हालांकि पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 36 सीटों पर आगे चल रही है. इससे संकेत मिलते हैं कि यदि इस संसदीय चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो पीपीपी ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकती है.

पीएमएल- एन ने मतगणना प्रक्रिया पर आपत्ति जताई 
इस बीच पीएमएल- एन ने मतों की गणना की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है और आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को कई निवार्चन क्षेत्रों के मतदान केंद्रों से बाहर किया गया है. पीपीपी के मौला बक्स चंदियों ने भी दावा किया कि उनकी पार्टी के एजेंटों को बादिन में मतदान केंद्रों के अंदर नहीं जाने दिया गया.

इमरान को हासिल है सेना और आईएसआई का समर्थन, विरोधियों का आरोप
इन चुनावों में इमरान खान के विरोधियों ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी यानि पीटीआई को पाकिस्‍तानी सेना और पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन मिला हुआ है. इस कारण उन्हें अपने विरोधियों के खिलाफ थोड़ी बढ़त हासिल है. इमरान खान ने दावा किया है कि वह देश की अब तक की राजनीतिक पार्टियों को मात देकर एक 'नया पाकिस्तान' बनाएंगे.

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नेशनल असेंबली में होते हैं कुल 342 सदस्य
दरअसल, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं, जिनमें से 272 को सीधे तौर पर चुना जाता है, जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं. आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं.

272 जनरल सीटों पर 3,459 उम्मीदवार मैदान
नेशनल असेंबली की 272 जनरल सीटों के लिए 3,459 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जबकि चार प्रांतीय विधानसभाओं- पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वा की 577 जनरल सीटों के लिए 8,396 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इन चुनावों में 30 से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

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कई दलों ने मतदान की अवधि एक घंटा बढ़ाने की मांग की
पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल- एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सहित कई प्रमुख पार्टियों ने मतदान की अवधि एक घंटा बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन इसके बावजूद मतदान अपने निर्धारित समय पर खत्म हुआ. राजनीतिक पार्टियों ने ‘‘मतदान की धीमी प्रक्रिया’’ की शिकायत की थी और मतदाताओं को और वक्त मुहैया कराने की मांग की थी, लेकिन चुनाव आयोग ने उनके अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया.

उल्‍लेखनीय है कि आम चुनावों के लिए मतदान शुरू होने के कुछ घंटे बाद इस्लामिक स्टेट के एक फिदाइन हमलावर ने बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा के भोसा मंडी इलाके के एक मतदान केंद्र के बाहर विस्फोट में खुद को उड़ा लिया था. इस हमले में कई पुलिसकर्मियों सहित 31 लोग मारे गए. पुलिस ने बताया कि चुनाव से जुड़ी हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में चार लोग मारे गए. कई मतदान केंद्रों के बाहर प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के बीच झड़पें हुईं.

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