पाकिस्तान में निजीकरण मामलों के मंत्री डेनियल अजीज को टीवी पर चर्चा के दौरान, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ के एक वरिष्ठ नेता ने थप्पड़ मार दिया.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में निजीकरण मामलों के मंत्री डेनियल अजीज को टीवी पर चर्चा के दौरान, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ के एक वरिष्ठ नेता ने थप्पड़ मार दिया. जिओ न्यूज की वेबसाइट पर 36 सेकेंड के क्लिप में दिखता है कि पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ के नेता नइमुल हक और अजीज कल ‘आपस की बात’ कार्यक्रम में एक दूसरे की पार्टी पर तीखा हमला कर रहे थे. इसी दौरान अजीज ने आक्रामक तेवर अख्तियार करते हुए हक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ क्या मैं आपसे डरता हूं. आपके जैसे चोरों से डरता हूं.’’
अजीज ने जब उन्हें चोर कहा तो हक ने अपना आपा खो दिया. थप्पड़ खाने के बाद भी अजीज शांत बने रहे और उनसे कहा, ‘‘मुझे थप्पड़ मारने की हिम्मत कैसे हुई ?’’ इस पर हक ने कहा, ‘‘आपने मुझे चोर कहने की हिमाकत कैसे की?’’ पाकिस्तान के पद से हटाए गए प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के सुप्रीमो नवाज शरीफ ने कहा, ‘‘इससे पीटीआई की संस्कृति पता चलती है.’’ यह पहली बार नहीं है जब हक इस तरह के विवादों में फंसे हैं. वर्ष 2011 में टीवी के एक शो के दौरान उन्होंने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता जमील सूमरो पर पानी भरा ग्लास फेंक दिया था.
PAK में नवाज शरीफ क्या बेनजीर भुट्टो की राह पर चल निकले हैं?
पाकिस्तान में जल्द होने जा रहे आम चुनावों के ऐन पहले हाल में सत्ता से बेदखल किए गए नवाज शरीफ ने लगभग परमाणु बम के हमले की तरह बड़ा बयान देते हुए 2008 के मुंबई आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका की बात कहकर एकाएक वहां की आर्मी और आईएसआई को बैकफुट पर ला दिया है. इसके साथ ही उनका यह कहना कि एक देश में तीन समानांतर सरकारें नहीं चल सकती, उनके सीधे तौर पर सेना और न्यायपालिका पर हमले के रूप में देखा जा रहा है. जानकारों के मुताबिक इस तरह की बयानों से नवाज शरीफ ने सीधे तौर पर अपनी निजी सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा मोल ले लिया है.
इसी तरह 2007 में जब लंबे स्व-निर्वासन के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी(पीपीपी) नेता बेनजीर भुट्टो आम चुनावों(2008) से पहले वहां लौटीं तो माना जाता है कि वह इस मंसूबे के साथ लौटी थीं कि पाकिस्तान में लोकतंत्र की मजबूती के साथ कट्टरपंथी इस्लामिक ताकतों पर नकेल कसना बहुत जरूरी हो गया है. इस कट्टरपंथी ताकतों ने इस तरह से समझा कि यदि बेनजीर चुनाव जीत गईं तो आतंकी समूहों के लिए पाकिस्तान में जमीन हासिल करना मुश्किल हो जाएगा. नतीजतन दिसंबर, 2007 में उनकी हत्या कर दी गई.
इनपुट भाषा से भी