पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद की जंग हारने के बाद अब विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति की कुर्सी पर नजर गड़ा ली है
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार डॉन के शनिवार के अंक में पहले पन्ने पर प्रमुखता के साथ प्रकाशित एक खबर में दावा किया गया है कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद की जंग हारने के बाद अब विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति की कुर्सी पर नजर गड़ा ली है. अखबार में जानकारी दी गई है कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की दो बड़ी पार्टियां (पीपीपी और पीएमल-एन) आपस में मिलकर एक संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर चौधरी ऐतजाज एहसान का नाम घोषित करने का प्रयास कर रही हैं. इसी क्रम में दोनों पार्टियों के नेता शनिवार को मिलने वाले हैं. खबर में इस बात की जानकारी दी गई है कि मुम्ब्री में पार्टी के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ के कश्मीर पॉइंट निवास में पीएमएल-एन द्वारा 11 विपक्षी दलों के एक बहु-पार्टी सम्मेलन (एमपीसी) की मेजबानी की जा रही है.
पीपीपी मांग रही है एहसान के नाम पर समर्थन
खबर में आगे बताया गया है कि पीएमल-एन के नेताओं द्वारा बहुदलीय सम्मेलन बुलाने का फैसला पीपीपी के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा ईद-उल-अजहा (मंगलवार) से एक दिन पहले एहसान के लिए समर्थन मांगने के लिए लाहौर में पूर्व सचिवालय का दौरा किए जाने के बाद लिया गया. गौरतलब है कि 4 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिए पीपीपी के द्वारा ऐतजाज एहसान का नामांकन किया गया है.
इस बात की वजह से पीपीपी से खफा भी है पीएमएल-एन
खबर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि पीएमएल-एन प्रधानमंत्री कार्यालय की दौड़ में उतरे उसके अध्यक्ष शाहबाज शरीफ को वोट न देने और इसके बजाय प्रतिद्वंदी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के लिए वोट करने के फैसले के लिए पीपीपी से नाखुश है. जबकि इसी महीने की शुरुआत में इस्लामाबाद में हुई एक एमपीसी (बहुदलीय सम्मेलन) में विपक्षी दलों में शाहबाज के पक्ष में वोट करने की बात पर समझौता हुआ था.
पीएमएल-एन को है इस बात की चिंता
खबर में आगे जानकारी दी गई है कि पीपीपी नेताओं के साथ बैठक के बाद, पीएमएल-एन के कार्यकारी सचिव जनरल अहसान इकबाल ने पीपीपी के महासचिव फरहतुल्ला बाबर का नाम लेते हुए बताया कि एहसान का नाम अभी फाइनल नहीं था. खबर के मुताबिक इकबाल को डर था कि यदि विपक्षी दल संयुक्त उम्मीदवार लॉन्च करने में एकजुट नहीं हो सके, तो वह सत्तारूढ़ दल पीटीआई को अपने नामांकित उम्मीदवार डॉ. आरिफ अलवी को राष्ट्रपति के रूप में स्थापित करने के लिए फ्री हैंड दे देंगे.
पहले ही हो चुकी है नवाज शरीफ से बात
पीएमएल-एन के सूत्रों ने डॉन से कहा कि नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने अपने बड़े भाई नवाज शरीफ के साथ गुरुवार को आदियाला जेल में उनके साथ बैठक के दौरान इस मामले पर पहले ही चर्चा कर ली है.
4 सितंबर को पाकिस्तान में होगा राष्ट्रपति चुनाव
राष्ट्रपति चुनाव के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार, 27 अगस्त तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकते हैं जबकि कागजात की जांच 29 अगस्त को की जाएगी. मतदान 4 सितंबर को इस्लामाबाद में संसद भवन और लाहौर, कराची, पेशावर और क्वेटा में प्रांतीय असेंबली की इमारतों में 10 बजे से शाम 4 बजे तक होगा.