फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के संज्ञान में ये मामला आया था कि पिछले कुछ दिनों से वाराणसी-चंदौली बॉर्डर के पास लगातार राष्ट्रीय पक्षी का शिकार किया जा रहा है. इस बात की जानकारी होते ही वन विभाग ने बीते शुक्रवार पुलिस के साथ मिलकर एरिया में छापेमरी की.
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वाराणसी: यूपी के वाराणसी से एक अजीब मामला सामने आया है. यहां पर वाराणसी पुलिस और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट टीम ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो मोर के मांस से यौनशक्ति बढ़ाने वाली दवाइयां बनाता था. बताया जा रहा है कि यह शख्स एक हकीम है और ऐसी दवाएं बनाने के लिए अब तक 3 मोर को मार चुका है.
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मोर को मारकर जंगल में छिपा देता था आरोपी
जानकारी के मुताबिक आरोपी का नाम बाबू है और वह मुरादाबाद का रहने वाला है. मौजूदा समय में आरोपी वाराणसी-चंदौली बॉर्डर पर रहता था और टेंट लगाकर यौन शक्तिवर्धक दवाएं बेचता था. इसके अलावा वह अपनी अस्थाई दुकान में कई और दवाएं भी रखता था. पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी बाबू ने बताया कि वह रामनगर, चंदौली और आसपास के क्षेत्रों में मोर को जहर देकर मारता था और उनके शव को जंगल में छिपा देता था. इसके बाद वहां जाकर यौनशक्ति मजबूत करने वाली दवा बनाता था.
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डॉक्टरों ने तीनों मोर को किया मृत घोषित
गौरतलब है कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के संज्ञान में ये मामला आया था कि पिछले कुछ दिनों से वाराणसी-चंदौली बॉर्डर के पास लगातार राष्ट्रीय पक्षी का शिकार किया जा रहा है. इस बात की जानकारी होते ही वन विभाग ने बीते शुक्रवार पुलिस के साथ मिलकर एरिया में छापेमरी की. वहां से आरोपी बाबू की इस हरकत का पर्दाफाश हुआ और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना गुनाह कबूल लिया और उसकी निशानदेही पर पुलिस ने तीन मोर को अचेत अवस्था में बरामद किया. तीनों मोर को पशु अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत बता दिया.
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आरोपी बाबू पर केस दर्ज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामनगर थानाध्यक्ष ने जानकारी दी है कि इस अपराध के आरोपी बाबू के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. उसके ऊपर वन्य जीव संरक्षक अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ है. पुलिस अब आगे की कार्रवाई कर रही है.
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मोर को मारने पर होती है 7 साल की जेल
भारत सरकार ने 26 जनवरी 1963 को मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया था. संसदीय कानून 'भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972' (Indian Wildlife Protection Act, 1972) के तहत मोर को सुरक्षा प्रदान की गई है. बता दें, इस एक्ट के तहत मोर को मारने पर 7 साल की सजा का प्रावधान है.
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