Polyhouse Farming: आज के समय में खेती-बाड़ी एक अच्छे सोर्स ऑफ इनकम के तौर पर उभर रही है. आज कल किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक तकनीक की मदद से खेती कर रहे हैं और अच्छा रिजल्ट भी हासिल कर रहे हैं. आपने ऐसे कई किसानों के बारे में सुना होगा, जो एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से खेती कर रहे हैं और अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं. इन लोगों ने खेती में नए प्रयोग किए और आम फसलों की जगह नए तरीकों से अन्य फसलें तैयार की. इन्हीं में से एक तरीका है पॉलिहाउस खेती. अखिलेश चौधरी नाम के एक शख्स ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में पॉलीहाउस खेती से बड़ी सफलता हासिल की है. 1.5 लाख रुपये की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने यह खेती शुरू की और अब वे हर महीने करीब 2  लाख रुपये कमा रहे हैं. 


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पॉलीहाउस खेती क्या है?


पॉलीहाउस खेती एक ऐसी तकनीक है जिसमें फसलों को नियंत्रित वातावरण में उगाया जाता है. पॉलीहाउस एक घर जैसी संरचना होती है जिसे प्लास्टिक या शीशे से ढका जाता है. यह तापमान, आर्द्रता और प्रकाश को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे साल भर फसलें उगाई जा सकती हैं. 


नौकरी छोड़कर शुरू की Polyhouse Farming 


आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक अखिलेश चौधरी पहले एक बड़ी कंपनी में काम करते थे. लेकिन, स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्होंने नौकरी छोड़ दी और घर लौट आए. घर पर बैठे हुए उन्होंने पॉलीहाउस खेती के बारे में जाना और 1.2 करोड़ रुपये के निवेश से 10 बीघे जमीन पर दो पॉलीहाउस बनवाए. इसमें सरकार ने उन्हें 58 लाख रुपये की सब्सिडी भी दी. 


अखिलेश क्या उगाते हैं?


अखिलेश अपने पॉलीहाउस में जरबेरा, जिप्सोफिला, लिलियम, रजनीगंधा और क्रिसेंथमम जैसे फूलों के पौधे उगाते हैं. वे ड्रिप इरिगेशन तकनीक का उपयोग भी करते हैं जो पानी और पोषक तत्वों को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाता है. ड्रिप इरिगेशन तकनीक से पैदावार अच्छी होने में मदद मिलती है. इन फूलों की स्थानीय बाजार में काफी डिमांड है और इसी के साथ वे इन फूलों को दिल्ली की फूल मंडी में भी बेचते हैं. इससे अखिलेश को हर महीने करीब 2 लाख रुपये की कमाई होती है. उन्होंने अपने पॉलीहाउस में 12 लोगों को रोजगार पर भी रखा है.