मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना सरकार गठन की कोशिशों में बड़ा पेच फंसा है. शिवसेना (shiv sena) विधायक की दल की बैठक में फैसला लिया गया है कि महाराष्ट्र (Maharashtra)  में 2.5 - 2.5 साल के फार्मूले पर ही सरकार बनेगी.


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शनिवार को हुई इस बैठक में फैसला किया गया कि गठबंधन सरकार में बीजेपी  (bjp)-शिवसेना के सीएम 2.5-2.5 तक रहेंगे. बैठक में यह भी फैसला किया गया कि जब तक अमित शाह या देवेंद्र फडणवीस लिखित में नहीं देंगे तब तक सरकार नहीं बनेगी. 


शिवसेना नेता प्रताप सरनाइक ने कहा- हमारी बैठक में यह फैसला लिया गया कि जैसे अमित शाह ने लोकसभा चुनावों से पहले 50-50 फॉर्मूले का वादा किया था, उसी तरह दोनों सहयोगी दलों को 2.5-2.5 साल तक सरकार चलाने का मौका मिलना चाहिए, इसलिए सीएम शिवसेना का भी होना चाहिए. उद्धव ठाकरे को बीजेपी से लिखित आश्वासन मिलना चाहिए.



इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस ने अपने बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी थी. राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने शनिवार को मीडियाकर्मियों से कहा, "हम से इस पर अब तक शिवसेना से कोई बातचीत नहीं हुई है. हालांकि, अगर ऐसा होता है तो हम इस मामले पर निर्णय के लिए पार्टी आलाकमान के समक्ष रखेंगे."


बता दें मतगणना के दिन (24 अक्टूबर) को ही उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर कायम है. उद्धव ने कहा थास, 'लोकसभा चुनाव के दौरान ही 50-50 फॉर्मूला तय हुआ था, जिसपर शिवसेना (Shiv Sena) कायम है.' 


शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने साफ तौर से कहा था कि 50-50 के फॉर्मूले पर शिवसेना (Shiv Sena) नहीं झुकेगी. ठाकरे ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान यह फॉर्मूला तय हुआ था. 


इससे पहले मतगणना के दिन ही शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कहा था, 'राज्य में शिवसेना और बीजेपी कि सरकार बनेगी और दोनों को सीटें मिली है, इस तरह से रुझान मिल रहे है. हम गठबंधन के साथ है और दोनों लोग मिल के सरकार बनाएंगे. पहले से 50- 50 का फार्मूला का तय हुआ है और शिवसेना का मुख्यमंत्री हो इसके लिए भी बात होगी.'