Raksha Bandhan 2023 Bhadra Kaal: सनातन धर्म में रक्षाबंधन एक प्रमुख त्‍योहार है. भाई-बहने के रिश्‍ते के इस पवित्र पर्व का बहुत इंतजार रहता है. सावन पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर इस साल बड़ी उलझन की स्थिति बन गई है. दरअसल, इस साल रक्षाबंधन के पूरे दिन भद्रा काल रहने वाला है और भद्रा काल को राखी बांधने के लिए अशुभ माना जाता है. भद्रा काल के चलते इस बार रक्षाबंधन 2 दिन- 30 अगस्‍त और 31 अगस्‍त का रहेगा. कई लोगों के मन में यह जानने की जिज्ञासा है कि भद्रा काल क्‍या होता है, भद्रा के दौरान राखी क्‍यों नहीं बांधी जाती है और हर साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा क्‍यों पड़ती है. 


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क्या होता है भद्रा काल


पुराणों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री हैं और शनि देव की बहन हैं. स्वभाव में भद्रा भी अपने भाई शनि देव की तरह ही कठोर हैं. उनके कठोर स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कालगणना या पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया था. साथ ही इस काल को शुभ कार्यों और यात्रा के लिए अशुभ माना गया. चूंकि रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र और अच्‍छी सेहत की कामना करती है. इसलिए भद्रा काल में राखी नहीं बांधना चाहिए. साथ ही रावण को उसकी बहन ने भद्रा काल में राखी बांधी थी, जिसके बाद उसका वध हो गया था, इस कारण भी भद्रा काल में कभी राखी नहीं बांधनी चाहिए. 


रक्षाबंधन पर क्‍यों पड़ता है भद्राकाल 


दरअसल, भद्रा का संयोग महीने की कुछ खास तिथियों पर ही बनता है. जैसे- चतुर्थी, अष्‍टमी, एकादशी और पूर्णिमा. चूंकि रक्षाबंधन सावन पूर्णिमा के दिन पड़ता है और यह दिन भद्रा का भी होता है इस कारण रक्षाबंधन पर भद्राकाल पड़ता है. पृथ्‍वी लोक की भद्रा को अशुभ माना गया है और पूर्णिमा के दिन भद्रा पृथ्‍वी पर ही रहती है इसलिए इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है. 


रक्षाबंधन 2023 पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त


इस साल भी सावन पूर्णिमा यानी कि रक्षाबंधन के दिन 30 अगस्त को दिनभर भद्रा का साया है. रात में 9 बजकर 4 मिनट पर भद्रा समाप्‍त होगी. इसके बाद या फिर 31 अगस्त की सुबह 7 बजे तक ही भाई को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)