Shaniwar ko Shani ke Upay: शनिदेव महाराज को न्याय का देवता कहा जाता है. वह इंसान को अच्छे और बुरे कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं. शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती का नाम सुनते ही अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं. उनको इस अवधि में काफी भोगने पड़ते हैं. इस दौरान उनको काफी धन हानि होती है, जिससे आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो जाती है. घर परिवार में हमेशा क्‍लेश बने रहता है और जीवन में कई तरह की कठिनाईयां उठानी पड़ती हैं. ऐसे में आज शनि की साढ़ेसाती के दौरान किए जाने वाले उपायों के बारे में बात करेंगे, जिनको अपनाने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है.


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तीन चरण की साढ़ेसाती


ज्‍योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक के कुंडली के बारहवें, पहले, दूसरे और जन्म के चंद्रमा के ऊपर से शनि ग्रह गुजरता है तो इसे शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है. यह अवधि साढ़े सात साल की मानी जाती है. साढ़ेसाती के पहले चरण में आर्थिक स्थिति कमजोर होती है. दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन और तीसरे चरण में सेहत को लेकर दिक्कतें उठानी पड़ती हैं.


घबराने की नहीं जरूरत


किसी जातक के कुंडली में अगर साढ़ेसाती का चल रही है तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है. ज्योतिषी में इसके प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. इन उपायों को खासतौर पर शनिवार के दिन करने से राहत मिलती है.


काले तिल


शनिवार के दिन बहते जल में काले तिल को प्रवाहित करें. इस दिन किसी जरूरतमंद को काले जूतों का दान करने से भी साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और शमी के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं.


सुंदर कांड पाठ


शनिवार शाम के समय सुंदर कांड का पाठ करें और हनुमानजी को भोग लगाएं. इसके साथ ही शनि स्‍त्रोत का पाठ करें. कम से कम 11 शनिवार को शनि मंदिर में काला छाता दान करें. ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन व्रत करने से भी साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है. इसके साथ ही काली उड़द की दाल, काले वस्‍त्र, सरसों का तेल, लोहे की वस्‍तु और काला धागा दान करने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)