Car Insurance: कार इंश्योरेंस के तहत कई चीजें कवर नहीं होती हैं, जिनके लिए गाड़ी के मालिक को खुद से पैसे भरने पड़ सकते हैं. इनमें से कुछ प्रमुख चीजें निम्नलिखित हैं:


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नॉर्मल वियर एंड टियर: कार के नियमित उपयोग के कारण होने वाले सामान्य वियर एंड टियर (जैसे कि टायर का घिसना, ब्रेक पैड्स का घिसना) को इंश्योरेंस कवर नहीं करता है.


मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल फेल्योर: इंजन, ट्रांसमिशन, या अन्य मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल पार्ट्स की खराबी या फेल्योर इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर नहीं होते हैं.


ड्राइविंग अंडर इंफ्लुएंस: अगर ड्राइवर ने शराब या ड्रग्स का सेवन किया है और इस कारण से दुर्घटना हुई है, तो इंश्योरेंस कंपनी किसी भी प्रकार का दावा नहीं मानती है.


अनअथोराइज्ड ड्राइवर: अगर दुर्घटना के समय गाड़ी कोई ऐसा व्यक्ति चला रहा हो जिसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस न हो, तो इंश्योरेंस कंपनी क्लेम नहीं देती.


कॉनसिक्वेंशियल डैमेज: अगर कार की किसी खराबी के कारण हुई नुकसान को आपने तुरंत नहीं सुधरवाया और इसके कारण बड़ा नुकसान हुआ है, तो ऐसे मामलों में भी इंश्योरेंस कवर नहीं मिलता.


न्यूक्लियर रिस्क्स और वॉर: युद्ध, आतंकवादी हमला, या न्यूक्लियर रिस्क्स जैसी स्थितियों में होने वाले नुकसान को इंश्योरेंस पॉलिसी कवर नहीं करती है.


इंश्योरेंस पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन: अगर कार के मालिक ने इंश्योरेंस पॉलिसी की शर्तों का पालन नहीं किया है, जैसे कि समय पर प्रीमियम का भुगतान न करना, तो इंश्योरेंस कंपनी क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है.


इंटीरियर डैमेज: अगर कार के अंदरूनी हिस्सों (जैसे कि सीट्स, डैशबोर्ड) को नुकसान पहुंचता है और ये बाहरी दुर्घटना के कारण नहीं हुआ है, तो इसे भी कवर नहीं किया जाता.