Petroleum Ministry On Diesel Cars: पेट्रोलियम मंत्रालय की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत को 2027 तक 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. इसके साथ ही समिति ने कहा कि 'बिजली और गैस से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देना चाहिए.' बता दें कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 2022 में तीन गुने से भी ज्यादा होकर 10.54 लाख इकाई रही.


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पूर्व पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर की अगुवाई वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में 2035 तक आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाले मोटरसाइकिल, स्कूटर और तिपहिया वाहनों को भी हटाने का सुझाव दिया है.  रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 10 सालों में शहरी क्षेत्रों में एक भी डीजल शहरी परिवहन बस नहीं होनी चाहिए. समिति ने इस साल फरवरी में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. हालांकि, सरकार ने अभी तक रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है.


अभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुनियादी ढांचे की कमी
मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुनियादी ढांचा बहुत ज्यादा बेहतर नहीं है, इसमें सुधार की जरूरत है. हाल ही में विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के महानिदेशक अभय बाकरे ने कहा था कि पेट्रोल, डीजल आधारित वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए चार्जिंग बुनियादी ढांचे का मजबूत नेटवर्क बहुत महत्वपूर्ण है.


उन्होंने कहा था, “इलेक्ट्रिक-परिवहन के लिए सबसे बड़ी चुनौती पहले से ही पूरी तरह स्थापित पेट्रोल, डीजल से चलने वाले वाहनों को हटाना है. इसका समाधान मजबूत सार्वजनिक चार्जिंग ढांचा है. हम बैटरी, ईवी चार्जिंग उपकरणों आदि की लागत को कम कर सकते हैं और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की सफल कहानी बना सकते हैं.”


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