Driving Rules for Juvenile: हर देश में ड्राइविंग को लेकर कुछ न कुछ नियम होते हैं. भारत में भी यातायात के लिए कई कड़े नियम हैं. भारत में ड्राइविंग करने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल है. 18 साल से छोटे बच्चों को ड्राइविंग करना गैर कानूनी है. लेकिन अक्सर ये देखने में आता है कि 18 साल से छोटे बच्चे भी आजकल सड़कों पर वाहन चलाते हैं. पेरेंट्स भी बच्चों को इसकी परमिशन दे देते हैं, लेकिन ऐसा करके वे बच्चों की जान जोखिम में डालते हैं. अगर आप भी अपने 18 साल से कम उम्र के बच्चों को ड्राइविंग करने देते हैं, तो आपको भारी जुर्माने के साथ कड़ी जेल की सजा हो सकती है.


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बच्चों को न दें बाइक की चाबी


अगर आपके 18 साल से कम उम्र के बच्चे बाइक या कार की चाबी मांगते हैं, तो उनकी ये मांग कभी न मानें. अगर कोई बच्चा दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो ऐसे में आप वाहन के बीमा के लिए क्लेम भी नहीं कर पाएंगे क्योंकि कोई भी बीमा पॉलिसी की सेवाएं नाबालिकों के ड्राइविंग पर लागू नहीं होती. इसलिए आपको अपने वाहन के बीमा का भी कोई लाभ नहीं मिल सकेगा.


25 हजार रुपये तक हो सकता है जुर्माना


नाबालिग के ड्राइविंग को लेकर कई कड़े नियम हैं. अगर कोई बच्चा ड्राइविंग करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके पेरेंट्स पर सीधी कार्रवाई हो सकती है. बच्चे के पेरेंट्स पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक की जेल भी हो सकती है. इसलिए पेरेंट्स को सावधान हो जाना चाहिए कि उनका बच्चा ड्राइविंग न करे.


ये भी हैं कड़े नियम


आपको बता दें कि शराब पीकर गाड़ी चलाने पर दस हजार रुपये का मोटा जुर्माने का नियम है. वहीं, ओवरलोडिंग पर 20 हजार जुर्माने की व्यवस्था है. अगर आप सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं तो एक हजार रुपये जुर्माना लगेगा. हेलमेट न पहनने पर भी एक हजार जुर्माना लगेगा और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित हो सकता है.


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