Car Modifications: भारत में कार मॉडिफिकेशन का चलन काफी बढ़ रहा है. लोग अपनी कार को स्टाइलिश और अट्रैक्टिव बनाने के लिए कई तरह के बदलाव करते हैं. हालांकि, कार मॉडिफिकेशन के कुछ बदलाव गैरकानूनी होते हैं और इनके लिए पुलिस चालान काट सकती है.


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भारतीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार, कार में कोई भी ऐसा बदलाव नहीं किया जा सकता है जो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) पर मैन्युफैक्चरर द्वारा बताई डिटेल्स से अलग हो. इसके अलावा, कार के किसी भी हिस्से को बदलने से पहले आरटीओ से अनुमति लेना आवश्यक है.


यहां कार के 4 ऐसे मॉडिफिकेशन्स दिए गए हैं जो गैरकानूनी हैं और इनके लिए पुलिस चालान काट सकती है:


नंबर प्लेट में बदलाव: कार की नंबर प्लेट में कोई भी बदलाव करना गैरकानूनी है। नंबर प्लेट में बदलाव के लिए आरटीओ से अनुमति लेनी आवश्यक है.


टिंटेड विंडो: कार की विंडो को पूरी तरह से काला करना गैरकानूनी है. टिंटेड विंडो में कम से कम 70% विजिबिलिटी होनी चाहिए. बढ़ते हुए क्राइम को देखते हुए ये मानक तय किया गया है. अगर विजिबिलिटी इससे कम रहती है तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है.  


साइलेंसर में बदलाव: कार के साइलेंसर में बदलाव करना गैरकानूनी है. साइलेंसर में बदलाव के लिए आरटीओ से अनुमति लेनी आवश्यक है. मॉडिफाइड साइलेंसर काफी तेज आवाज करते हैं साथ ही ये आपके वाहन की परफॉर्मेंस पर भी असर डालते हैं. अगर आपका वहां मॉडिफाइड साइलेंसर के साथ पकड़ा जाता है तो आपको हजारों रुपये का चालान कटवाना पड़ सकता है. 


बड़े टायर: कार के टायर का साइज निर्धारित मानक से अधिक होना गैरकानूनी है. टायर का साइज निर्धारित मानक से अधिक होने पर कार का वजन बढ़ जाता है और इससे कार की हैंडलिंग प्रभावित होती है.


इन मॉडिफिकेशन्स के अलावा, कार में कोई भी ऐसा बदलाव करना गैरकानूनी है जो कार की सुरक्षा या प्रदर्शन को प्रभावित करता हो. अगर आप अपनी कार में कोई मॉडिफिकेशन करवाने की सोच रहे हैं तो पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह गैरकानूनी नहीं है. इसके लिए आप आरटीओ से संपर्क कर सकते हैं.