नई दिल्ली: भारत सरकार ने साफ किया है कि अब दुपहिया वाहन चालकों को सिर्फ बीआईएस (Bureau of Indian Standards) स्टैंडर्ड सर्टिफाइड हेलमेट (Helmets) ही पहनने की अनुमति है. इस तरह के हेलमेट की गुणवत्ता निर्धारित होती है, ऐसे में सामान्य गुणवत्ता वाला हेलमेट पहनना दुपहिया वाहन चालकों को महंगा पड़ सकता है.


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हादसों से होने वाली मौतों को कम करने पर जोर
भारत सरकार के सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने बयान जारी कर रहा कि ऐसा करने के पीछे हादसों में होने वाली मौतों पर रोक लगाने की कोशिश है. सरकार का ये निर्णय घटिया क्वालिटी की हेलमेट के उत्पादन और पूरी तरह से रोक लगाने के लिए है. इसके लिए 'हेलमेट फॉर राइडर्स ऑफ टू व्हीलर्स मोटर व्हीकल (क्वालिटी कंट्रोल) ऑर्डर, 2020' (Helmet for riders of Two Wheelers Motor Vehicles (Quality Control ) Order, 2020') पास किया है. इस आदेश के बाद सिर्फ बीआईएस स्टैंडर्ड सर्टिफाइड हेलमेट का ही निर्माण और विक्रय हो सकता है.


पेट्रोल भरवाने का छोड़ो चक्कर 


सुप्रीम कोर्ट कमेटी के निर्देश पर दिया गया आदेश


भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने ये आदेश सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के निर्देश के बाद दिया है. कमेटी में बीआईएस और एम्स के विशेषज्ञ भी शामिल थे. इस कमेटी ने मार्च 2018 में इस बाबत निर्देश जारी किए थे. जिसमें हल्के और मजबूत हेलमेट के इस्तेमाल के लिए कहा गया था.


बीआईएस ने भी बदला नियम
कमेटी के सुझावों को ध्यान में रखते हुए बीआईएस ने भी नियमों में बदलाव किया है. ताकि कम वजनी, लेकिन मजबूत हेलमेट का उत्पादन किया जा सके. भारत में हर साल 1.7 करोड़ हेलमेट का निर्माण होता है.


इंटरनेशनल रोज फेडरेशन ने किया स्वागत
जिनेवा बेस्ड इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (International Road Federation) ने भारत सरकार की इस पहल का स्वागत किया है. संस्था ने कहा कि सरकार के इस कदम से हादसों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या में कमीं आएगी.