Tyre Repair Liquid: अब तक आपने देखा होगा कि आपकी बाइक या कार का टायर जब कभी भी पंक्चर होता है, तब दो तरह से पंक्चर को रिपेयर किया जाता है, पहले तरीका होता है नॉन ट्यूबलेस टायर के लिए जिसमें एक रबर स्ट्रिप लगाकर टायर में आए हुए डैमेज को कर किया जाता है वही दूसरा तरीका ट्यूबलेस टायर के लिए होता है जिसमें एक खास पदार्थ को बाहर से ही टायर में इंसर्ट किया जाता है. इन दोनों ही तरीकों से टायर अच्छी तरह से नए जैसा हो जाता है और आप इसे इस्तेमाल करते हैं. हालांकि अब मार्केट में एक नया टायर रिपेयर लिक्विड आया है जिसे मैकेनिक धड़ल्ले से आपके वाहनों के टायर में इस्तेमाल कर रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसे टायर रिपेयर लिक्विड या सीलेंट कहा जाता है. अगर आपकी कर या बाइक का टायर पंक्चर हो जाता है तो इस लिक्विड का इस्तेमाल करके वहां के टायर को मिनट में ठीक किया जा सकता है. हालांकि ज्यादातर यूजर्स जो इस तरह की रिपेयर ट्रिक का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें यह नहीं मालूम होगा कि इससे आपके वहां का टायर बुरी तरह से खराब हो जाता है.


इस तरह से होता है नुकसान


मान लीजिए आपकी कर या बाइक के टायर में पंक्चर हो गया है और आप इसे ठीक करवाने के लिए मैकेनिक के पास ले जाते हैं जिसे इसमें टायर रिपेयर लिक्विड इस्तेमाल किया है तो टायर फिक्स तो हो जाएगा, लेकिन इस टायर में अगर दोबारा पंक्चर हो जाता है तो इसे ठीक करना काफी मुश्किल होता है क्योंकि इसमें अंदर की तरफ से एक लेयर जमा हो जाती है जो रबर पदार्थ को सॉलिड बना देती है. इसकी वजह से टायर की लाइफ भी कम होती है और यह जल्दी घिसने लगता है. अगर आप भी समय बचाने के चक्कर में इस टायर रिपेयर लिक्विड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको ऐसा करने से बचना चाहिए. सिर्फ इमरजेंसी में ही आपको इस टायर रिपेयर लिक्विड का इस्तेमाल अपने वाहन के टायर में करवाना चाहिए क्योंकि इससे आपके वहां का टायर कुछ ही समय में खराब हो जाएगा और आपको इस बदलवाने में हजारों रुपए खर्च करने पड़ेंगे.