Buying Second Hand Car: पहले के मुकाबले पुरानी कार खरीदना अब आसान तो हो गया है लेकिन पुरानी कार खरीदने वालों के सामने अलग तरह की चुनौतियां हैं. जैसे-जैसे पुरानी कारों का बाजार बढ़ता जा रहा है, वैसे ही डीलर्स की संख्या भी बढ़ रही है. कई ऑनलाइन पोर्टल्स आ चुके हैं और शहरों में पुरानी कारों के डीलरों की संख्या भी बढ़ रही है. ऐसे में जब कोई व्यक्ति पुरानी कार खरीदने के लिए निकलता है तो उसके पास डीलर्स से कार खरीदने का सबसे आसान ऑप्शन होता है. लेकिन, यहां ठगी की संभावना भी ज्यादा होती है.


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पुरानी कारों का मीटर बैक कराकर और एक्सीडेंटल कारों को बढ़िया तरीके से डेंट-पेंट कराकर बेचने की शिकायतें आम बात हैं. आमतौर पर लोकल डीलर से कार खरीदने वाले लोग के सामने यह परेशानियां ज्यादा आती हैं. कार का मीटर बैक कराने और अच्छे से डेंट-पेंट कराने के बाद डीलर उसे ज्यादा पैसों में ग्राहक को बेचते हैं. कार की सुंदरता को देखकर ग्राहक झांसे में आ जाते हैं और ज्यादा पैसा देकर उसे खरीद लेते हैं. 


लेकिन, जब कार को इस्तेमाल करने लगते हैं तब उसकी हकीकत का खुलासा होता है और तब तक देर हो चुकी होती है. इस तरह की ठगी से बचने के लिए ग्राहकों को हमेशा पुरानी कार खरीदने से पहले कार को ब्रांड के ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर चेक करा लेना चाहिए. इसके साथ ही, जब भी डीलर से किसी भी व्यक्ति से कार खरीदें तो उस कार की सर्विस हिस्ट्री भी अच्छे से चेक करनी चाहिए. 


अगर आपको कार की सर्विस हिस्ट्री सही नजर आती है, तभी कार खरीदें. अगर उसमें कोई झोलमोल दिखता है तो उस कार को खरीदने से बचें. बता दें कि कार की सर्विस हिस्ट्री में जानकारी होती है कि उस कार को ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर कितनी बार सर्विसिंग के लिए ले जाया गया है और जब-जब सर्विस हुई है, तब उस कार में क्या-क्या काम किया गया है या फिर क्या-क्या पार्ट्स बदले गए है.


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