7th Pay Commission:केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा, 50 फीसदी DA के बाद अब बढ़ी ग्रेच्युटी लिमिट, जानिए कितना मिलेगा
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद उन्हें एक और खुशखबरी मिली है. केंद्र सरकार ने डीए में 4 फीसदी बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50 फीसदी कर दिया.
7th Pay Commission News: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद उन्हें एक और खुशखबरी मिली है. केंद्र सरकार ने डीए में 4 फीसदी बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50 फीसदी कर दिया. महंगाई भत्ता बढ़ने के बाद दूसरे भत्तों में भी बढ़ोतरी हुई है.
ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी
डीए बढ़ने के साथ केंद्रीय कर्मचारियों के कई अलाउंस में बदलाव किया गया है. इस संशोधन से केंद्रीय कर्मचारियों के ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. केंद्रीय कर्मचारियों का रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी 25 फीसदी बढ़कर 20 लाख ये 25 लाख पर पहुंच गया. ये बढ़ोतरी जनवरी 2024 से प्रभावी है. अब इस बाबत कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है. पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 30 मई को सभी मंत्रालयों से अनुरोध किया है कि वो 7वें पे कमीशन की सिफारिशों में सरकार के फैसले का पालन करें.
रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी 20 लाख से बढ़कर 25 लाख रुपये
केंद्र सरकार ने रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी की में 25 प्रतिशत का इजाफा किया है. इस बढ़ोतरी के बाद ग्रेच्युटी 20 लाख रुपये से बढ़कर 25 लाख रुपये हो गई है. बता दें कि सरकार ने मार्च 2024 में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत का इजाफा कर दिया था, जिसके बाद से डीए 50 प्रतिशत पर पहुंच गया. डीए 50 फीसदी डीहोने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के कई अलाउंस में इजाफा हुआ है.
ग्रेच्युटी क्या होता है ?
नौकरीपेशा लोगों को ग्रेच्युटी दी जाती है. ये सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को दी जाती है. जो भी कर्मतारी कंपनी में कम से कम पांच साल या उससे अधिक समय तक लागातार काम करता है, उसे ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है. ग्रुच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के अनुसार उन्हें रिटायरमेंट पर या फिर नौकरी छोड़ने पर यह रकम दी जाती है. इस रकम को पाने के लिए जरूरी है कि कर्मचारी किसी संगठन में कम से कम पांच साल तक लगातार काम करें.