एयर इंडिया रूम शेयरिंग विवाद बढ़ा, नाराज AICCA ने सरकार और DGCA को लिखी चिट्ठी, एयरलाइन को दी चेतावनी
Air India Room Sharing Policy: टाटा की एयर इंडिया में विस्तारा एयरलाइन का विलय हो रहा है. इस विलय की कवायद के तहत एयरलाइन ने अपनी नीतियों में महत्त्वपूर्ण बदलाव किए हैं.
Air India Room Sharing Policy: टाटा की एयर इंडिया में विस्तारा एयरलाइन का विलय हो रहा है. इस विलय की कवायद के तहत एयरलाइन ने अपनी नीतियों में महत्त्वपूर्ण बदलाव किए हैं. इन बदलावों के तहत एयर इंडिया ने अपने क्रू मेंबर्स के लिए रूम शेयरिंग, लीशर ट्रैवल प्रायोरिटी लिस्ट, भत्तों, रीइंबर्समेंट, भोजन योजना और ग्रैच्युटी से जुड़ी नीतियों में अहम बदलाव किए हैं. रूम शेयरिंग नीति को लेकर विरोध शुरू हो गया है. विरोध का असर दिखने लगा है.
रूम शेयरिंग नीति का विरोध
एयर इंडिया ने अपनी केबिन क्रू नीति में बदलाव किया है. कंपनी ने अपने क्रू मेंबर के लिए लेओवर भत्ते को बढ़ाया गया है, लेकिन लेओवर के दौरान कमरे में साझा करने की अनिवार्यता भी जोड़ दी है. एयर इंडिया और विस्तारा के विलय से ठीक पहले नीतियों में बदलाव को लेकर कैबिन क्रू नाराज हैं. एयर इंडिया की इस नए नीति के खिलाफ एयर इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन (AICCA) ने तीखा विरोध दर्ज कराया है. एसोसिएशन का आरोप है कि ये कानूनी उल्लंघन है. एक ओर एयरलाइन की ओर से दावा किया जा रहा है कि ये बदलाव कैबिन क्रू मेंबर्स के फीडबैक के बाद किया गया है.
ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन ने दर्ज कराया विरोध
ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन ने एयर इंडिया की केबिन क्रू सदस्यों के एक वर्ग के लिए रूम-शेयरिंग नीति को गलत बताते हुए इसका विरोध दर्ज कराया है. 50 साल पुरानी इस एसोसिएशन ने श्रम मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप कर उसे रोकने का अनुरोध किया है. एसोसिएशन पिछले समझौतों और न्यायाधिकरण के निर्णयों के अनुसार पायलटों और क्रू मेंबर्स के लिए आवास नीति के अनुरूप होटल आवास और आवास की शर्तों की मांग कर रहा है.
चिट्ठी लिखकर दर्ज कराया विरोध
AICCA (ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन) 50 साल पुराना रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन है, जिसमें अब पूरे भारत में भारतीय और विदेशी एयरलाइनों के केबिन क्रू सदस्य हैं. एसोसिएशन ने एयर इंडिया के रूम शेयरिंग के इस फैसले को लेकर चिट्ठी लिखी है. एयर इंडिया के सीईओ को चिट्ठी लिखते हुए उन्होंने उसकी कॉपी अलग-अलग सरकारी संस्थाओं को भेजी है. DGCA, मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन को भी भेजी है. AICCA ने आरोप लगाया है कि नई पॉलिसी औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 33 का उल्लंघन करता है. इस धारा के अनुसार, जब कोई औद्योगिक विवाद ट्रिब्यूनल के अधीन हो, तब रोजगार की शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता.
AICCA का कहना है कि एयर इंडिया ने 25 अक्टूबर की अपनी हालिया बुलेटिन, जिसमें उन्होंने रूम शेयरिंग की योजना की बात कही है, उसे 1 दिसंबर से लागू किया जाएगा. यूनियन ने दावा किया है कि नई पॉलिसी राष्ट्रीय औद्योगिक ट्रिब्यूनल द्वारा जारी मौजूदा नियम को नजरअंदाज करने वाला है. इतना ही नहीं इस नए नियम में सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक मामले को भी दरकिनार किया गया है. AICCA ने चेतावनी दी है कि यदि एयर इंडिया ने अपने निर्णय पर कायम रहे, तो इसके अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. एएसोसिएशन के बयान में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय खंडपीठ के फैसले का हवाला देते हुए नतीजों की चेतावनी दी गई है, जो औद्योगिक कानून के तहत अभियोजन से बचने के लिए धारा 33 के पालन पर जोर देता है. एआईसीसीए ने मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) और क्षेत्रीय श्रम आयुक्त को एक औपचारिक नोटिस भी जारी किया है, जिसमें हस्तक्षेप और कानूनी प्रोटोकॉल का पालन करने की मांग की गई है.
बातचीत का न्योता
एसोसिएशन ने एयर इंडिया से अनुरोध किया है कि मौजूदा स्थिति का सम्मान करें और औद्योगिक ट्रिब्यूनल के अधिकारों का उल्लंघन न करें. उन्होंने एयर इंडिया को बातचीत का न्योता भी दिया है, ताकि एयर इंडिया और उसके कर्मचारियों के हित में समस्या का समाधान किया जा सके. यह अनुरोध एयर इंडिया और विस्तारा के संभावित विलय के संदर्भ में विशेष महत्व रखता है . एयर इंडिया क्रू एसोसिएशन ने एयर इंडिया से मौजूदा नीतियों को बनाए रखते हुए ट्रिब्यूनल आग्रह किया है कि एयरलाइन और उसके कर्मचारियों दोनों के हित में मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाया जाए.