वंदे भारत मिशन को लगा झटका: फ्लाइटों को लेकर भारत और अमेरिका के बीच बढ़ा तनाव
अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार भारत और अमेरिका के बीच हवाई परिवहन सेवाओं के संबंध में `अनुचित और भेदभावपूर्ण` बर्ताव कर रही रही. अमेरिकी परिवहन विभाग (DoT) ने सोमवार को कहा कि वह अमेरिकी विमानन कंपनियों को बराबरी का अवसर देने के लिए यह कार्रवाई कर रहा है.
वाशिंगटन: अमेरिका में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाए जा रहे वंदे भारत मिशन (Vande Bharat Mission) के स्पेशल फ्लाइटों को बड़ा झटका लगा है. अमेरिका ने एयर इंडिया द्वारा संचालित वंदे भारत मिशन की फ्लाइटों को तत्काल प्रभाव से अपनी उड़ानों के लिए पहले से अनुमति मांगने का निर्देश दिया है. इसका सीधा असर दिल्ली और वाशिंगटन के बीच चलाए जा रहे विमानों पर पड़ा है.
ये है अमेरिकी सरकार का तर्क
अमेरिका ने भारतीय विमानन कंपनियों से कहा है कि वे चार्टर उड़ानों (Chartered Flights) से पहले प्राधिकार-पत्र के लिए आवेदन करें और साथ ही यह आरोप लगाया है कि भारतीय सरकार भारत और अमेरिका के बीच हवाई परिवहन सेवाओं के संबंध में 'अनुचित और भेदभावपूर्ण' बर्ताव कर रही रही. अमेरिकी परिवहन विभाग (DoT) ने सोमवार को कहा कि वह अमेरिकी विमानन कंपनियों को बराबरी का अवसर देने के लिए यह कार्रवाई कर रहा है.
अमेरिकी विमानों के साथ भेदभाव आरोप
डीओटी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि यह कार्रवाई इसलिए की जा रही है क्योंकि भारत सरकार भारत आने-जाने वाली चार्टर हवाई परिवहन सेवाओं के संबंध में अनुचित और भेदभावपूर्ण व्यवहार कर रही है. इस आदेश के बाद डीओटी प्रत्येक मामले में अलग-अलग भारतीय विमानन कंपनियों को चार्टर उड़ानों की अनुमति देगा. विभाग ने यह भी कहा है कि यदि अमेरिकी कंपनियों के लिए बराबरी का मौका बहाल कर दिया गया, तो वह अपनी कार्रवाई पर फिर से विचार करने के लिए तैयार है.
ये भी पढ़ें: कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही नई दवा, लेकिन डॉक्टरों को है इस बात का डर
डीओटी ने आरोप लगाया कि कोविड-19 महामारी के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के चलते भारत ने सभी सेवाओं पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया, और अमेरिकी विमानों को चार्टर उड़ानों के लिए भी मंजूरी नहीं दी गई. इसी समय, एयर इंडिया 7 मई 2020 से भारत और अमेरिकी के बीच दोनों तरफ से चार्टर उड़ानों का संचालन कर रही थी.