दिल्ली: वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान ऐलान कर दिया है कि विनिवेश का लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार बहुत जल्द भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) का IPO (Initial Public Offering) लाने जा रही है. इस बात का ऐलान मोदी सरकार ने पिछले साल भी किया था लेकिन कोरोना की वजह से प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई.


LIC के IPO का मतलब क्या


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिछली साल की तरह इस साल भी बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने LIC के IPO का जिक्र किया है. इसका मतलब ये होगा कि सरकार LIC को शेयर बाजार में लिस्ट कराएगी और IPO के जरिए कंपनी की आर्थिक हैसियत (Economic Value) का पता लगाएगी. पिछली साल के बजट भाषण में वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि 'LIC पर पूरी तरह सरकार का मालिकाना हक बना रहेगा. लिस्टिंग के बाद IPO के जरिए कंपनी की आर्थिक हैसियत का पता लगाया जाएगा और ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि सरकार रिटेल निवेशकों को भी इसका हिस्सेदार बनाना चाहती है.


पॉलिसीधारकों के लिए सुनहरा मौका


वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने संसद में जानकारी दी है कि जब LIC का IPO जब बाजार में आएगा तो उसमें 10 फीसदी रिजर्वेशन पॉलिसीधारकों को मिलेगा. इसका मतलब ये होगा कि जो भी पॉलिसीधारक बाजार में निवेश करना चाहेंगे, उनको LIC में हिस्सेदारी खरीदने का मौका मिलेगा. अगर आपके पास भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की पॉलिसी है तो आपके लिए इसके IPO में रिजर्व कोटा होगा. 


एलआईसी के पास 32 करोड़ पॉलिसी


बता दें कि LIC के पास कुल 32 करोड़ पॉलिसी है जिनकी संपत्ति कुल 31 लाख करोड़ रुपए के करीब है. LIC की आर्थिक हैसियत करीब 10-12 लाख करोड़ रुपए आने की उम्मीद है. इस आधार पर अगर कंपनी 10% हिस्सेदारी बेचती है तो वह इससे एक लाख करोड़ रुपए के करीब जुटा सकती है. ऐसे में इसके पॉलिसी धारकों को 10 हजार करोड़ रुपए का हिस्सा रिजर्व कोटा में मिलेगा.


ये भी पढ़ें: Kangana Ranaut ने खुद को बताया सबसे अच्छी एक्टर, ट्रोलर्स ने किए ऐसे कमेंट; सिर पकड़ लेंगे आप


VIDEO



1.75 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य


 बजट 2021-22 में विनिवेश के जरिए सरकार ने कुल 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है. यह पैसा सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर जुटाया जाएगा. हालांकि इस वित्त वर्ष में 2.10 लाख करोड़ रुपए की जगह अभी तक 20 हजार करोड़ रुपए भी नहीं जुट पाए हैं सरकार ने बजट में इस अनुमान को बदलकर 32 हजार करोड़ रुपए कर दिया है.


LIVE TV: