नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही बैंक कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाकर उन्हें खुशखबरी दे सकती हैं. सूत्रों कि माने तो आगामी 5 मई को इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के साथ बैंको के प्रतिनिधी मुलाकात करेंगे. दरअसल, बैंक कर्मचारी अपनी सैलरी में 25 फीसदी की मांग कर रहे हैं. वहीं, वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सरकार बैंक कर्मचारियों की सैलरी में 10 से 15 फीसदी तक का इजाफा कर सकती है. बैंक कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का मामला नवंबर 2017 से लटका पड़ा है. हालांकि, कई बार बैंक कर्मचारियों और सरकार के बीच सैलरी विवाद सुलझाने को लेकर बैठक भी हुई, लेकिन आम सहमति नहीं बन सकी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिछले साल होने वाला था फैसला
बैंक के कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का फैसला नवंबर 2017 में होना था, लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन पाई थी. इसके बाद सरकार और यूनियन के बीच कोई बैठक नहीं हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अब सरकार लोकसभा चुनाव से पहले इस पर फैसला कर सकती है. सरकार अगले साल 2019 में होने वाले आम चुनावों से पहले बैंक कर्मचारियों को उनकी सैलरी में बढ़ोतरी का तौहफा दे सकती है.


7वां वेतन आयोग: सरकारी कर्मचारियों को कब से मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी? यहां जानिए


हर पांच साल में बढ़ती है सैलरी
हर पांच साल में बैंक कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की जाती है. पिछली बार वेतन बढ़ोतरी में काफी देरी हुई थी. बढ़त 2012 में होनी थी, लेकिन यह मई 2015 में की गई. तय नियमों के तहत पिछले साल ही बैंक कर्मचारियों को बढ़ा वेतन मिलना चाहिए था. लेकिन, कुछ कारणों की वजह से इस पर सहमति नहीं बन पाई. यही कारण है कि सरकार अब इस दिशा में कदम बढ़ाना चाहती है.


इस बार देरी नहीं 
आईबीए ने इस मुद्दे से निपटने के लिए एक सब कमिटी बनाई है, ताकि इन मांगों पर विचार कर ठोस कदम उठाया जा सके. बैंक एसोसिएशन चाहती है कि इस बार बैंक कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी सही समय पर हो. सरकार भी इस बार वेतन बढ़ोतरी को ज्यादा समय तक टालना नहीं चाहती.


सरकारी बैंकों में 8 लाख कर्मचारी
नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक्स वर्क्स के मुताबिक वित्त मंत्री से 25 फीसदी वेतन बढ़ोतरी की मांग को जल्द लागू करने की बात कही गई है. इस संबंध में उन्होंने आश्वासन दिया है कि पूरे मामले पर कार्रवाई करेंगे. देश में सरकारी बैंकों के करीब 8 लाख कर्मचारी हैं. जिनकी वेतन बढ़ोतरी का मामला नवंबर 2017 से अटका हुआ है. अंतिम वेतन बढ़ोतरी साल 2015 में हुई थी.