Bank Privatization: फिर टला इस बड़े सरकारी बैंक का प्राइवेटाइजेशन! मोदी सरकार इस दिन करेगी ऐलान
IDBI Bank: अधिकारी ने बताया कि विदेशी निवेश बैंक नए साल की छुट्टी के कारण काम नहीं करेंगे, इसी को ध्यान में रखते हुए टाइम लिमिट को आगे बढ़ाए जाने का विचार चल रहा है.
IDBI Bank Privatization: आईडीबीआई बैंक के प्राइवेटाइजेशन पर बड़ा अपडेट सामने आ रहा है. बैंक के प्राइवेटाइजेशन के लिए शुरआती बोलियां दाखिल करने की लिमिट एक महीने बढ़ाई जा सकती है. अभी यह तारीख 16 दिसंबर है. एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) या शुरुआती बोली दाखिल करने की फिलहाल अंतिम तारीख 16 दिसंबर है, इसे जनवरी तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है. लेनदेन सलाहकारों को टाइम लिमिट बढ़ाने को लेकर कुछ रिक्वेस्ट मिली हैं.
टाइम लिमिट को आगे बढ़ाने का विचार
आपको बता दें सरकार और एलआईसी (LIC), आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में मौजूद अपने 60.72 प्रतिशत शेयर को बेचना चाहते हैं. अधिकारी ने बताया कि विदेशी निवेश बैंक नए साल की छुट्टी के कारण काम नहीं करेंगे, इसी को ध्यान में रखते हुए टाइम लिमिट को आगे बढ़ाए जाने का विचार चल रहा है. उन्होंने बताया, 'बोली दाखिल करने की समयसीमा जनवरी महीने की शुरुआत की किसी तारीख तक बढ़ाई जाएगी.'
सरकार ने आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर बैंक का निजीकरण करने के लिए 7 अक्टूबर को बोलियां आमंत्रित की थीं. सरकार एलआईसी के साथ मिलकर बैंक में यह हिस्सेदारी बेचेगी. इसके लिए बोलियां जमा करने या अभिरुचि पत्र (LOI) जमा करने की अंतिम तिथि 16 दिसंबर, 2022 तय की गई थी. सरकार बैंकिंग सिस्टम (Banking Systme) में बदलाव के लिए तेजी से प्राइवेटाइजेशन की तरफ फोकस कर रही है. इस कड़ी में सबसे पहले आईडीबीआई बैंक का प्राइवेटाइजेशन होगा.
आपको बता दें फिलहाल आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में 45.48 प्रतिशत सरकार की और 49.24 प्रतिशत सरकार की हिस्सेदारी है. यदि सरकार इसमें से 60 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी देती है तो बैंक का मालिकाना हक विदेशी कंपनियों के हाथों चला जाएगा. (इनपुट PTI)
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