Natwarlal of 2024: ठगी के नए मामले और उनको अंजाम देने का तरीका सामने आने के बाद अक्‍सर आप भी चौंक जाते हैं. गाज‍ियाबाद के बजर‍िया में मोबाइल र‍िपेयर करने वाले हनी राणा और उनकी पत्‍नी के साथ ठगी का मामला सामने आने के बाद पुल‍िस अध‍िकारी भी हक्‍के-बक्‍के रह गए. छोटे न‍िवेशकों को तगड़े र‍िटर्न का वादा देकर ठगने वाली एक कंपनी अब बाजार से गायब है. आरोपी चिट फंड कंपनी की तरफ से 200 न‍िवेशकों को 10 करोड़ रुपये की चपत लगाने का मामला सामने आया है. इस कंपनी की तरफ से न‍िवेशकों को उन्हें हर कम पैसा जमा करने पर अच्‍छा र‍िटर्न देने का वादा क‍िया गया था.


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कैसे सामने आया मामला


करीब 50 लोगों ने गाज‍ियाबाद के व‍िजय नगर थाने में पहुंचकर श‍िकायत दी कि उन्‍हें प्रताप विहार में रॉयलफाइन इंडिया निधि लिमिटेड बैंक (Royalfine India Nidhi Limited) का ऑफ‍िस बंद म‍िला. साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि कंपनी द्वारा अपाइंट क‍िये गए किसी भी अधिकारी या एजेंट से संपर्क नहीं हो पा रहा है. ठगी का श‍िकार हुए लोगों की श‍िकायत के आधार पर शुरुआती जांच के बाद पुल‍िस ने बताया क‍ि कंपनी को पिछले तीन साल से ऑपरेट क‍िया जा रहा था.


क‍िन लोगों को करते थे टारगेट
रॉयलफाइन इंडिया नाम से संचाल‍ित होने वाली इस कंपनी की तरफ से सैकड़ों एजेंट को न‍ियुक्‍त क‍िया गया था. ये एजेंट शहर के अलग-अलग इलाकों में घूमकर छोटे व्यापारियों, दुकान मालिकों, दिहाड़ी मजदूरों और घरेलू मह‍िलाओं को टारगेट करते थे. इन एजेंट की तरफ से इन लोगों को बताया जाता था क‍ि वे हर द‍िन जितनी राशि बचा सकते हैं, उतने का न‍िवेश करें. यह अमाउंट 100 रुपये से लेकर 1,550 रुपये तक होता था. पीड़ितों को बताया गया था कि यद‍ि वे 180 दिन तक निवेश करते हैं तो उन्‍हें 8-8.5% की दर से रिटर्न मिलेगा.


कई द‍िन तक एजेंट नहीं आया तो हुआ शक
कंपनी ने हर हर एजेंट को खास इलाका सौंपा था. तय इलाके से उन्हें रोजाना नए ग्राहक लाने और मौजूदा ग्राहकों से पैसा इकट्ठा करने की ज‍िम्‍मेदारी दी गई थी. इस धोखाधड़ी से जुड़ा पर्दाफाश तब हुआ, जब रोजाना वसूली के ल‍िए आने वाले एजेंट ने आना बंद कर द‍िया. इसके बाद पीड़‍ितों ने एजेंट से संपर्क करना चाहा तो उनसे बात भी नहीं हो सकी. पीड़‍ितों में से कुछ कंपनी के ऑफ‍िस पहुंचे तो वो भी बंद म‍िला. इसके बाद उन्‍हें अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ.


10 करोड़ रुपये की ठगी का मामला
करीब 50 निवेशकों ने इस मामले में कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. शुरुआती जांच से करीब 200 लोगों के साथ 10 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. जांच आगे बढ़ने पर यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. एसीपी प्रियश्री पाल ने बताया कि मामले की जांच के ल‍िए तीन टीमों का गठन किया गया है. अभी हमने छह लोगों को हिरासत में लिया है, उनसे पूछताछ की जा रही है. अभी जानकारी कम है. जानकारी मिलने के बाद हम एफआईआर दर्ज करेंगे.


उन्‍होंने बताया क‍ि कंपनी के निदेशकों और दूसरे सीन‍ियर अधिकारियों की भी तलाश की जा रही है. पुलिस बताया जांच के आधार पर यह पता लगाने की कोश‍िश हो रही है क‍ि क्या रॉयलफाइन का रज‍िस्‍ट्रेशन एक एनबीएफसी (NBFC) के तौर पर कराया गया था.


कैसे रहे सावधान
क‍िसी भी कंपनी में न‍िवेश करने से पहले आपको कंपनी / संस्थान की व‍िश्‍वसनीयता और प्रतिष्ठा की जांच कर लेनी चाह‍िए. साथ ही यह भी चेक कर लें क‍ि वह फाइनेंश‍ियल कंपनी नियामक अधिकारियों की तरफ से पंजीकृत और रेग्‍युलेट है या नहीं. ऐसी क‍िसी भी कंपनी में न‍िवेश नहीं करें ज‍िसका रज‍िस्‍ट्रेशन नियामकीय न‍ियमों के तहत नहीं हुआ हो. साथ ही निवेश करने से पहले आपको सभी निवेश दस्तावेजों, जैसे कि ऑफर डॉक्यूमेंट, प्रॉस्पेक्टस आद‍ि को ध्यान से पढ़ना और समझ लेना चाह‍िए.