चुनाव प्रचार चरम पर, पेट्रोल-डीजल की सेल आंकड़ों ने चौंकाया, क्‍यों घटी ब‍िक्री?
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चुनाव प्रचार चरम पर, पेट्रोल-डीजल की सेल आंकड़ों ने चौंकाया, क्‍यों घटी ब‍िक्री?

आंकड़ों के अनुसार, ईंधन मार्केट के 90 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित करने वाली तीन बड़ी कंपनियों की पेट्रोल बिक्री मई के पहले पखवाड़े में 13.67 लाख टन रही. यह पिछले साल की समान अवधि में 13.6 लाख टन खपत के करीब बराबर रही.

चुनाव प्रचार चरम पर, पेट्रोल-डीजल की सेल आंकड़ों ने चौंकाया, क्‍यों घटी ब‍िक्री?

Petrol Diesel Consumption: देश में आम चुनाव के लिए प्रचार चरम पर होने के बावजूद मई के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री में गिरावट आई है. दूसरी तरफ पेट्रोल की खपत में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं देखा गया. पब्‍ल‍िक सेक्‍टर की कंपनियों की तरफ से जारी शुरुआती आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है. आम चुनाव के प्रचार के कारण परंपरागत रूप से ईंधन की मांग में इजाफा हुआ है. दरअसल, उम्मीदवार वोटर तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर मोटर वाहन का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि पब्‍ल‍िक सेक्‍टर की क्षेत्री की कंपनियों के बिक्री आंकड़े कुछ ओर ही इशारा कर रहे हैं.

तीन बड़ी कंपनियों की बिक्री 13.67 लाख टन रही

आंकड़ों के अनुसार, ईंधन मार्केट के 90 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित करने वाली तीन बड़ी कंपनियों की पेट्रोल बिक्री मई के पहले पखवाड़े में 13.67 लाख टन रही. यह पिछले साल की समान अवधि में 13.6 लाख टन खपत के करीब बराबर रही. हालांकि, मंथली बेस पर खपत 11 प्रतिशत बढ़ी. देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की एक से 15 मई के दौरान बिक्री 1.1 प्रतिशत घटकर 32.8 लाख टन रही. इसकी खपत में अप्रैल में 2.3 प्रतिशत और मार्च में 2.7 प्रतिशत गिरावट आई थी.

दो साल में पहली बार कीमत में ग‍िरावट आई
चुनाव प्रचार के अलावा, फसल कटाई और तेज गर्मी का मौसम आने से कार में एयर कंडीशनर ज्‍यादा चलाया जाता है, जिससे ईंधन की खपत में इजाफा होना चाहिए. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मार्च के मध्य में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी. यह दो साल में पहला मौका था जब कीमत में बदलाव हुआ था. अगर मंथली बेस पर देखें तो एक से 15 अप्रैल में 12.3 लाख टन खपत की तुलना में बिक्री 11 प्रतिशत अधिक रही. अप्रैल के पहले पखवाड़े की तुलना में 31.5 लाख टन के मुकाबले डीजल की मांग मासिक आधार पर चार प्रतिशत अधिक रही.

डीजल भारत में सबसे ज्‍यादा खपत वाला ईंधन है, जो सभी पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट की खपत का करीब 40 प्रतिशत है. देश में कुल डीजल बिक्री में परिवहन सेक्‍टर की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है. यह हार्वेस्टर और ट्रैक्टर सहित कृषि क्षेत्रों में उपयोग किया जाने वाला प्रमुख ईंधन है. विमान ईंधन की मांग एक से 15 मई 2024 के दौरान सालाना आधार पर 4.1 प्रतिशत बढ़कर 3,14,200 टन हो गई. हालांकि एक से 15 अप्रैल में 3,45,800 टन की तुलना में यह मासिक आधार पर यह 9.1 प्रतिशत कम है.

आंकड़ों के अनुसार, रसोई गैस एलपीजी की बिक्री एक से 15 मई के बीच सालाना आधार पर 1.1 प्रतिशत घटकर 12.1 लाख टन हो गई. वहीं एक से 15 अप्रैल के दौरान एलपीजी की 12.17 लाख टन खपत के मुकाबले यह 0.6 प्रतिशत कम है. (भाषा)

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