चुनावों के बीच प्याज के निर्यात से हटाया बैन, कीमत को कंट्रोल करने के लिए चला `एक्सपोर्ट ड्यूटी` का दांव
लोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटा दिया. सरकार ने शनिवार को प्याज के एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया.
Onion Export: लोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटा दिया. सरकार ने शनिवार को प्याज के एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया. सरकार ने तत्काल प्रभाव से इस बैन को हटा दिया, हालांकि इसके लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 550 डॉलर यानी करीब 45,800 रुपए प्रति मीट्रिक टन रखा गया है. इसका मतलब है कि जो प्याज एक्सपोर्ट किया जाएगा, इसकी कीमत कम से कम 45,800 रुपए प्रति मीट्रिक टन होना जरूरी है. इसके साथ ही सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% निर्यात शुल्क लगाने का भी फैसला किया है.
निर्यात से रोक हटी
निर्यात पर हटे रोक से जहां किसानों को अच्छा भाव मिलने की संभावना है, तो वहीं उपभोक्ताओं के मन में सवाल उठ रहा है कि इससे प्याज की कीमत बढ़ने का खतरा है. प्याज की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बीच 8 दिसंबर 2023 को सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी. अब चूंकि प्याज की अच्छी फसल का अनुमान है, सरकार ने निर्यात को खोलने का फैसला किया. देश में प्याज की खपत लगभग 17 लाख टन प्रति महीने की है. वहीं अच्छी फसल और लंबे समय तक प्याज के स्टोरेज की सुविधा को देखते हुए सरकार ने निर्यात से प्रतिबंध हो हटाने का फैसला किया. सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से रिटेल प्राइस बहुत उछलने का रिस्क नहीं है.
प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखेंगे ये फैक्टर्स
सरकार ने इस बार 5 लाख टन का बफर स्टॉक बनाने की तैयारी है. ऐसे में रिटेल प्राइस में उछाल से निपटने में बफर स्टॉक मददगार होगा. वहीं एक्सपोर्ट ड्यूटी वाला दांव भी प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखेगा. दरअसल सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी टैक्स लगाने का फैसला किया है. यानी अगर कोई किसान 1 लाक रुपये का प्याज निर्यात करता है तो उसे 40 हजार टैक्स भरना होगा. ऐसे में व्यापारी प्याज को एक्सपोर्ट करने के बजाए उसे देश में ही बेचेंगे. सरकार के इस फैसले से मांग के अनुसार कीमत बनाए रखने में मदद मिलेगी. सरकार का मकसद है कि नई फसल आने तक प्याज की रिटेल कीमतों को नियंत्रित रखा जाए.