नई दिल्ली: पिछले साल दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी वॉलमार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीद लिया. वॉलमार्ट ने 1 लाख करोड़ में कंपनी की 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी. फ्लिपकार्ट के फाउंडर सचिन बंसल ने कंपनी के शेयर बेचकर बहुत कमाया. इस डील में उन्हें कितना मिला इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने फाइनेंशियल ईयर 2018-19 के पहले क्वार्टर के लिए एडवांस टैक्स के रूप 699 करोड़ रुपये जमा किए हैं. कंपनी के दूसरे फाउंडर बिन्नी बंसल ने अभी तक इस डील से हुई कमाई का खुलासा नहीं किया है.


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डील पूरा होने के बाद इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने फ्लिपकार्ट के संस्थापकों सचिन और बिन्नी बंसल को पत्र लिखकर वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील से हुई आय के बारे में ब्योरा मांगा था. साथ ही उनसे पूछा था कि वे कब एडवांस टैक्स का भुगतान करेंगे. आयकर कानून के तहत भारतीय नागरिक सचिन और बिन्नी बंसल दोनों को इस डील से पूंजीगत लाभ पर 20 प्रतिशत इनकम टैक्स देना होगा. 


सचिन बंसल और बिन्नी बंसल.

वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी 15 बिलियन डॉलर में खरीदी थी. इसके बदले कंपनी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को 7,440 करोड़ का टैक्स जमा किया था. IT डिपार्टमेंट ने वॉलमार्ट से उन सभी 46 स्टेकहोल्डर्स को लेकर जानकारी मांगी थी, जिन्हें इस डील से सीधा-सीधा लाभ हुआ था.


पिछले साल अगस्त में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर में खरीदी थी. कंपनी ने सॉफ्टबैंक, नेसपर्स, ऐसेल पाट्नर्स और ई-बे समेत 44 शेयरधारकों से हिस्सेदारी खरीदी. सचिन और बिन्नी बंसल ने भी अपनी हिस्सेदारी बेची. वॉलमार्ट, फ्लिपकार्ट में 44 विदेशी शेयरधारकों से हिस्सेदारी खरीद के एवज में पहले ही 7,439 करोड़ रुपये कर जमा कर चुकी है.


बिन्नी बंसल.

हालांकि, घरेलू कर कानून के तहत सचिन और बिन्नी बंसल का आकलन अलग से किया जाएगा और उन्हें सौदे से हुई आय पर 20 प्रतिशत की दर से पूंजी लाभ कर देना होगा. जहां सचिन ने फ्लिपकार्ट में अपनी पूरी 5-6 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी है वहीं बिन्नी बंसल ने अपनी कुछ हिस्सेदारी बेची है.