Banking Rules: बैंक खाते में नॉमिनी से लेकर FD तक के बदले नियम, लोकसभा में पास हुआ बैंकिंग अमेंडमेट बिल 2024, जानिए क्या सब बदलने वाला है
लोकसभा में बैंकिंग अमेंडमेंट बिल 2024 पास हो गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिल पेश करते हुए इसके 19 संशोधनों पर चर्चा की. इस बिल के पास होने के बाद बैंक खाताधारकों को बैंक अकाउंट से लेकर FD तक में कई बदलाव देखने को मिलेंगे.
What is Banking Laws Amendment Bill: लोकसभा में बैंकिंग अमेंडमेंट बिल 2024 पास हो गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिल पेश करते हुए इसके 19 संशोधनों पर चर्चा की. इस बिल के पास होने के बाद बैंक खाताधारकों को बैंक अकाउंट से लेकर FD तक में कई बदलाव देखने को मिलेंगे. ग्राहकों की सुविधा और बैंकिंग सिस्टम को और सरल बनाने के लिए इस अमेंडमेंट को पास किया गया. इसके साथ ही बैंकिंग नियमों में बड़े बदलाव होंगे।.
अब जोड़ सकेंगे 4 नॉमिनी
लोकसभा में बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल 2024 पास हेने के बाद खाताधारकों को अपने बैंक अकाउंट से लेकर एफडी तक में एक की जगह 4 नॉमिनी जोड़ने का अधिकार मिलेगा. अब तक आपके पास अपने खाते ये एफडी में एक नॉमिनी जोड़ने का विकल्प मिलता था, लेकिन अब इस बिल के पास होने के बाद नॉमिनी की संख्या बढ़ाकर 4 कर दी गई है. बता दें कि नियमों में यह बदलाव अनक्लेम्ड अमाउंट को सही उत्तराधिकारी तक पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डेटा के मुताबिक मार्च 2024 तक बैंकों में लगभग 78,000 करोड़ रुपए अनक्लेम्ड रकम के तौर पर पड़ी है.
नॉमिनी जोड़ने के लिए मिलेंगे ये दो विकल्प
लोकसभा में पास हुए बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 के तहत खाताधारकों अपने खातों में अधिकतम चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं. इसके लिए जो तरीके होंगे. पहले तरीके के तहत सभी नॉमिनी को एक साथ तय हिस्सेदारी देना होगा. यानी आप तय कर सकते हैं कि किसे कितना हिस्सा देना है. उसी के हिसाब से आप उनके नाम जोड़ सकते हैं.
दूसरा तरीका है कि आप नॉमिनी को एक क्रम में रखना. इस तरीके में एक के बाद एक को पैसा मिलेगा. आप अपनी सुविधा से दोनों में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं. नए नियम से खाताधारक के परिवारों के लिए रकम की पहुंच आसान हो सकेगी, वहीं बैंक प्रक्रिया में देरी भी कम होने की उम्मीद है.
सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक कर सकेंगे स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक में भी काम
नए बिल के मुताबिक अब सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर्स स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक में भी काम कर सकेंगे. वहीं बिल में को-ऑपरेटिव बैंकों के निदेशकों के कार्यकाल को बढ़ाकर 8 साल से 10 साल कर दिया गया है. हालांकि यह नियम चेयरमैन और होल-टाइम डायरेक्टर्स पर लागू नहीं होगा. इस बिल के तहत सरकारी बैंकों को ऑडिटर्स की फीस तय करने और टॉप लेवल टैलेंट को हायर करने का अधिकार मिलेगा.
बदलेगा रिपोर्ट देने का नियम
नए नियम के तहत बैंकों की ओर से आरबीआई को रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा में बदलाव किया गया है, नए नियम के तहत अब बैंक 15 दिन, एक महीने और तिमाही के आखिरी में आरबीआई को रिपोर्ट सौंप सकते हैं. बता दें कि वर्तमान में बैंकों को हर शुक्रवार को RBI को रिपोर्ट देनी होती थी.
संरक्षण कोष में ट्रांसफर करने की सुविधा
इसके अलावा नए बिल के तहत 7 साल तक दावा न किए गए डिविडेंड, शेयर, इंटरेस्ट और मैच्योर बॉन्ड की रकम को इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड यानी में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.