नई दिल्ली : कच्चे तेल के दाम अनुकूल स्तर पर रहने, मौद्रिक नीति में संभावित नरमी और सुधारों को लेकर सरकार की पहल से चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 8.1 से 8.5 प्रतिशत के दायरे में वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है। संसद को यह जानकारी दी गई।


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वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, अनुकूल तेल मूल्यों, मौद्रिक नीति में संभावित नरमी के साथ साथ निम्न मुद्रास्फीति प्रत्याशा के चलते सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा, इसके अलावा, सरकार द्वारा वित्तीय मजबूती और सुधारों के साथ कृषि क्षेत्र को दिये गये प्रोत्साहन, उद्योग और ढांचागत क्षेत्र में उठाये गये कदमों सहित विभिन्न क्षेत्रों के सुधारों के समुचित प्रभाव से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।


सिन्हा ने कहा कि आर्थिक समीक्षा में इसके बारे में संकेत दिया गया है कि स्थिर बाजार मूल्यों पर 2015-16 में जीडीपी वृद्धि दर 8.1 से 8.5 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद है और यह रह सकती है। पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही।


एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार वित्तीय मजबूती के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिये प्रतिबद्ध है। इस साल के बजट अनुमान के मुताबिक 2015-16 में राजकोषीय घाटे को पिछले वर्ष के 4.1 प्रतिशत से कम कर जीडीपी के 3.9 प्रतिशत पर लाया जायेगा।