Mumbai: जनरल मोटर्स इंडिया (General Motors India) ने पुणे प्लांट से 1086 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इन कर्मचारियों ने कंपनी के वॉलिंयटरी सेपरेशन पैकेज को लेने से इनकार कर दिया था. कंपनी के इस कदम के खिलाफ कर्मचारी यूनियन और कंपनी के बीच कानून लड़ाई शुरू हो गई है, क्योंकि यूनियन ने अब इंड्रस्ट्रियल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.


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GM India के पुणे प्लांट से निकाले गए वर्कर्स


ET Auto.com में छपी खबर के मुताबिक, तालेगांव साइट पर लगभग एक तिहाई कर्मचारियों ने 4 जुलाई की समय सीमा तक वॉलिंयटरी सेपरेशन पैकेज को स्वीकार कर लिया है. अमेरिकी कार निर्माता की स्थानीय इकाई ने 12 जुलाई को बाकी लोगों को नौकरी से निकाल दिया. कर्मचारी यूनियन ने पुणे के की इंडस्ट्रियल कोर्ट में 15 जुलाई को एक केस दाखिल किया है. कर्मचारी यूनियन ने कोर्ट में इस छंटनी को चुनौती दी है, साथ ही फैक्ट्री को चीन की SUV बनाने वाली कंपनी Great Wall Motors या किसी दूसरी पार्टी को बेचने पर रोक लगाने की मांग की है.


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दिसंबर 2020 में बंद हुआ था काम


जनरल मोटर्स ने दिसंबर 2020 में फैक्ट्री में प्रोडक्शन का काम बंद कर दिया था और चीन की कंपनी Great Wall Motors को बेचने पर सहमति भी बन गई थी. लेकिन अब ये डील मजदूरों के विरोध के चलते अटक गई है. 16 जुलाई को तत्काल सुनवाई करने वाली अदालत ने GM इंडिया से कहा कि या तो अगली सुनवाई तक प्लांट की बिक्री या लीज पर देने का वचन दें, या अदालत से स्टे नोटिस के आदेश को मानें.


कंपनी ने कहा- पारदर्शी तरीके से किया काम


जनरल मोटर्स ने इस बात की पुष्टि की है कि उसने अदालत से कहा कि वह 3 अगस्त, 2021 तक किसी भी लेनदेन पर आगे नहीं बढ़ेगी, जब वह शिकायत का औपचारिक जवाब दाखिल करेगी. जनरल मोटर्स इंडिया ने कहा कि उसे अपनी कानूनी स्थिति पर पूरा भरोसा है और उसने कानून और संघ और प्रबंधन के बीच सहमत प्रमाणित स्थायी आदेशों के अनुसार काम किया है. जीएम इंडिया का दावा है कि चूंकि कंपनी ने 2020 की शुरुआत में साइट पर प्रोडक्शन को खत्म करने की घोषणा की थी. यहां ऑपरेशंस और कर्मचारियों को अलग करने की अपनी योजना को लेकर शुरू से ही पारदर्शी था.


कर्मचारियों को अच्छा पैकेज दिया: GM India


कंपनी ने कहा कि उसने कर्मचारियों को एक अच्छा पैकेज दिया और डेडलाइन भी बढ़ाई. कंपनी ने बाकी कर्मचारियों की सेवाएं खत्म कर दी क्योंकि कोई काम था ही नहीं. जिन कर्मचारियों की नौकरी से निकाला गया है उन्हें प्रति वर्ष 15 दिन का वेतन, एक महीने नोटिस पीरियड की सैलरी और दूसरी सुविधाओं के लिए भुगतान किया गया है.


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